विज्ञापन
यूपी सरकार किसानों के खेतों में मिट्टी की उर्वरा शक्ति की जांच के लिए अभियान शुरू कर दिया है। किसान के खेतों में किस पोषक तत्व की कमी है, इसका पता लगाने के लिए हर जिले में मृदा परीक्षण कराया जा रहा है। मिट्टी की जांच करके किसान जरूरी पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं। मिट्टी में जैविक और अकार्बनिक उर्वरकों को डालकर इसे बेहतर बनाया जा सकता है। खास बात यह है कि किसानों को यह सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
उपजाऊ मिट्टी में पौधों के बुनियादी पोषण के लिए ज़रूरी सभी मुख्य पोषक तत्व जैसे- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम के साथ अन्य ज़रूरी पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, आयरन, जिंक, कॉपर, बोरान, मोलिब्डेनम, निकल आदि मौजूद होते हैं। उपजाऊ मिट्टी में आमतौर पर कुछ कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो मिट्टी की संरचना, नमी बनाए रखने और पोषक तत्व बनाए रखने में सुधार करते हैं, साथ ही पीएच 6 और 7 के बीच होता है।
उत्तर प्रदेश सरकार कृषि विभाग के द्वारा किसानों की खेत की मिट्टी जांचने के लिये सभी जिलों में अभियान शुरू किया गया है। अमेठी जिले में 13 हजार मृदा परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी ब्लाक के 10 गांव का मृदा परीक्षण के लिये चयन किया जायेगा। यह लक्ष्य हर गांव के 100 किसानों के लिये चयनित किया जायेगा। मिट्टी की जांच करने के बाद किसाना को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी दिया जायेगा। 15 जून तक मिट्टी परीक्षण करने का कार्य निर्धारित किया गया है।
करीब 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर आरके आनंद ने कहा कि हमारी मिट्टी रासायनिक उर्वरकों की वजह से अनुपजाऊ हो जाती है जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। उपजाऊ मिट्टी के लिए हमें गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए। इससे मिट्टी उपजाऊ होगी और किसानों की पैदावार बढ़ेगी।
मिट्टी खाद्य चक्र की श्रृंखला शुरू करती है जिसमें यह पौधों को खिलाती है जो अंततः हमें खिलाते हैं। वे खाद्य श्रृंखला के प्राथमिक जीव हैं। मिट्टी के सुधार के साथ, पौधे और फसल उत्पादन की गुणवत्ता में भी धीरे-धीरे वृद्धि होगी। मिट्टी पौधों को सीधा पोषण और आधार प्रदान करती है। मिट्टी जैसे-जैसे टूटती है, ये तत्व पोषक तत्वों के रूप में निकलते हैं जो सीधे बढ़ते पौधे को उपलब्ध होते हैं।