धान की यह किस्में देगी जबरदस्त पैदावार
By khetivyapar
पोस्टेड: 11 May, 2024 12:00 AM IST Updated Wed, 18 Sep 2024 11:41 AM IST
भारत में खरीफ सीजन में धान की बुवाई प्रमुख रूप से की जाती है। देश के लाखों किसान धान की खेती करते हैं। भारत में सबसे ज्यादा धान की खेती पश्चिम बंगाल में होती है। यहां करीब 146.06 लाख टन धान का उत्पादन होता है। इसके अलावा उत्तरप्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्य में भी धान की खेती प्रमुखता से की जाती है। खरीफ सीजन आने वाला है और किसान बारिश से पहले धान की खेती के लिए तैयारियां शुरू कर देंगे। फसल उत्पादन में सबसे प्रमुख भूमिका बीज की होती है। यदि अच्छी किस्म के बीज उपयोग में लिए जाते हैं तो अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। आइये जाने इन प्रमुख किस्मों के बारे में
- पूसा सुगंध 3 - धान की यह किस्म बौनी और अधिक पैदावार देने वाली सुगंधित बासमती चावल की किस्म है। इसे उत्तर भारत के राज्यों के लिए उपयुक्त पाया गया है। यह प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और जम्मू व कश्मीर में इसकी खेती की जाती है। धान की यह किस्म 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से लगभग 40 से 45 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत उपज प्राप्त की जा सकती है।
- बासमती-370 - बासमती धान की इस किस्म के दाने पकने के बाद दुगुने आकार, अत्यधिक सुगंधित और यह मुलायम होते हैं। इसे तैयार होने में करीब 150 दिन लगते हैं। इस किस्म से 12 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज प्राप्त की जा सकती है।
- डीआरआर 310 - धान की ये किस्म 125 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसमें चमक काफी अच्छी होती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 10.3 प्रतिशत पाई जाती है। धान की इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 45 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त किया जा सकता है।
- आई.आर.-36 - यह प्रजाति 120-125 दिन के अंदर तैयार हो जाती है और इसकी अनुमानित उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- आईआर-64 डीआरटी-1 - धान की इस किस्म में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। यह किस्म सूखाग्रस्त इलाकों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है। इस किस्म को बिरसा कृषि विश्वविद्याल (बीएयू) द्वारा विकसित किया गया है। इस किस्म को आईआर-64 को अपग्रेड करके इसका बीज तैयार किया गया है। यह किस्म पहाड़ी इलाकों और ऐसी जगहों के लिए काफी उपयोगी है जहां पानी की कमी है। बुवाई के 110 दिन बाद तैयार हो जाती है। इससे एक एकड़ में 16 क्विंटल और एक हैक्टेयर में करीब 40 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
- हाइब्रिड- 620 -धान की इस किस्म के दाने लंबे व चमकदार होते हैं। यह किस्म लगभग 125 से लेकर 130 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 62 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यह धान की बेतरीन किस्मों में मानी जाती है। यह किस्म धान के ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी है।
- दन्तेश्वरी - यह प्रजाति 90-95 दिन के अंदर तैयार हो जाती है, और इसकी अनुमानित उत्पादन 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह प्रजाति असिंचित क्षेत्रों में बंधान रहित समतल व हल्के ढलान वाले खेतों के लिए व बिना बंधान वाले समतल बहुत हल्की भूमि वाले छोटे मेढ़ युक्त खेत कम वर्षा वाले क्षेत्र तथा देरी की बुवाई।
- सहभागी - यह प्रजाति 90 दिन के अंदर तैयार हो जाती है और इसकी अनुमानित उत्पादन 30 से 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह प्रजाति असिंचित क्षेत्रों में बंधान रहित समतल व हल्के मिट्टी के लिए उपर्युक्त है।
- अनामिका धान की खेती भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है। धान की यह कि स्म रोपाई के 145-150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। जिसके दाने मोटे और लंबे होते हैं। धान की ये किस्म पश्चिम बंगाल बिहार, उड़ीसा और असम राज्य में उगाई जाती है।