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हरी मटर को वैसे भी हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। इस सीजन में हरी मटर की मांग आम दिनों के मुकाबले ज्यादा होती है। बाजार में भी यह अच्छे दाम में बिक जाती है। यूपी के किसान अब आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। राज्य के कई किसान तकनीक का इस्तेमाल करके सफल खेती कर रहे हैं, बल्कि कम समय में दोगुना लाभ भी कमा रहे हैं। यूपी के हरदोई के एक किसान ने मटर की खेती नई तकनीक से करनी शुरू की और किस्मत ने उनका साथ दिया और वे सफल हो गए। यह किसान अपने खेतों में पारंपरिक सिंचाई की तुलना में स्प्रिंकलर तकनीक अपनाई है जिससे अब कमाई में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरदोई के किसान रामशंकर कुशवाहा का कहना है कि वह लंबे समय से मटर की खेती कर रहे हैं। रामशंकर कुशवाहा पारंपरिक तरीके से सिंचाई कर रहे थे। मगर उन्हें जानकारी मिली कि उद्यान विभाग द्वारा एक खास तकनीक स्प्रिंकलर के लिए सब्सिडी मिलती है। ऐसे में उन्होंने इसके लिए आवेदन किया और 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ अपने खेत में स्प्रिंकलर लगवा लिया। वह इसी से खेती करने लगे और उन्हें इससे फायदा भी होने लगा।
किसान का कहना है कि इस तकनीक से आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। मटर की खेती में लागत 40 से 50 हजार होती जिससे वह ढाई से तीन लाख की कमाई कर लेते हैं। स्प्रिंकलर विधि से खेती करने के लिए किसानों को कोई खास सावधानियां नहीं बरतनी होती हैं। बस स्प्रिंकलर की पाइप की देखभाल जरूर रखनी होती है।
स्प्रिंकलर तकनीक सिंचाई करने का एक उन्नत साधन और तकनीक है। इस तकनीक के माध्यम से सिंचाई ऐसे की जाती है, मानो बरसात हो रही हो। यह बलुई मिट्टी जैसे क्षेत्रों की सर्वोत्तम विधि है। इस विधि से सिंचाई करने पर मिट्टी में नमी उपयुक्त स्तर बनी रहती है जिसके कारण फसल की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता अच्छी रहती है। फव्वारा विधि से किसानों को कई तरह के लाभ है जिसमें पानी के बचत से लेकर समय तथा धन की बचत होती है।