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Rabi Crop: रबी के लिए किसानों को समय पर मिलेगी खाद और बीज, सुपर सीडर के उपयोग से फसलों की होगी अधिक पैदावार

25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी की शुरू
25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी की शुरू

प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता रबी फसलों के लिए किसानों को समय से उत्तम उर्वरक और बीज मिलना सुनिश्चित किया जाएगा। डीएपी के समान ही एनपीके गुणवत्ता युक्त है, इसके लिए किसानों से आग्रह किया गया कि नरवाई ना जलाएं, सुपर सीडर का उपयोग करें। प्रदेश में कहीं भी खाद, बीज की अवैध कालाबाजारी अथवा अमानक विक्रय न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। एमएसपी मूल्य पर सोयाबीन विक्रय के लिए किसानों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

कृषि आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान ने निर्देश आज नर्मदा भवन में संपन्न भोपाल एवं नर्मदापुरम संभागों के लिए खरीफ 2024 की समीक्षा एवं रबी 2024- 25 की तैयारियों के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में कृषि, सहकारिता, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, उद्यानिकी आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।

25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी की शुरू

कृषि आयुक्त श्री सुलेमान ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की एमएसपी मूल्य पर खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन का कार्य जारी है। 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी की जाएगी, जो 31 दिसंबर तक चलेगी। सोयाबीन खरीदी के लिए किसानों को टोकन दिए जाएंगे, जिससे उन्हें अनावश्यक इंतजार ना करना पड़े। किसानों की सुविधा के लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त केंद्र एक से दो दिन में खोल दिए जाएंगे। 

मध्य प्रदेश का दाल उत्पादन में प्रथम स्थान

सचिव श्री शैलवेंद्रन ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। दालों के उत्पादन में मध्य प्रदेश देश में 24 प्रतिशत उत्पादन के साथ प्रथम है। अनाजों के उत्पादन में 12 प्रतिशत उपज के साथ देश में द्वितीय और तिलहन के उत्पादन में 20 प्रतिशत उपज के साथ दूसरे स्थान पर है। प्रदेश की कृषि विकास दर 19 प्रतिशत है। देश में एमपी के सर्वाधिक करीब 16.5 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती होती है। 

सुपर सीडर के उपयोग से किसानों को होगी अधिक पैदावार

प्रदेश में रबी फसलों के अंतर्गत मुख्य रूप से सरसों, चना, मसूर, गेहूं फसलों की बोनी की जाती है। सभी कलेक्टर को निर्देश दिए गए कि वे उनके जिलों में नरवाई न जलाई जाए। किसानों को सुपर सीडर के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाए। इसके प्रयोग से फसल कटाई के साथ ही बोनी भी हो जाती है। इससे खेतों में बची नमी का आगामी फसल में उपयोग हो जाता है और बीज की मात्रा भी का लगती है, जो किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक है। सभी जिलों में सुपर सीडर मशीन की किसानों को उपलब्धता सुनिश्चित कराई। 

उद्यानिकी फसलों की खेती से किसानों को मिल रहा अधिक लाभ

उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि उद्यानिकी फसलों के रकबे में भी वृद्धि हो रही है। किसान उच्च मूल्य फल जैसे एवाकाडो थाई पिंकअमरुद एवं ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। संभाग के सभी जिलों में अमरूद, ड्रैगन फ्रूट एवं संतरा फसल का विपणन दिल्ली, मुंबई आदि बड़े महानगरों में किया जा रहा है। गुलाब, जरबेरा एवं उच्च कोटि की सब्जियों की खेती पॉली हाउस एवं शेड नेट हाउस में उच्च तकनीकी से की जाकर अधिक उत्पादन एवं आय प्राप्त हो रही है।

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