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ऊपर टमाटर, नीचे आलू। जी हां, ये एक नई विधि से साकार हुआ है। इस विधि के तहत एक ही पौधे में टमाटर और आलू की उपज संभव हो सकी है। वैज्ञानिकों ने इसे लेकर सफलता पाई है। कहा जा रहा है कि किसान इस विधि से खेती करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। एक ही पौध में ऊपर टमाटर और जड़ों में आलू उगा सकते हैं। दरअसल, महाराष्ट्र के बारामती एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट के कृषि विज्ञान केंद्र ने इस विधि को इजाद किया है। खास बात यह है कि वैज्ञानिकों ने इसे पॅमेटो नाम दिया है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने बैंगन के पौधे में कद्दू उगाने में भी कामयाबी हासिल की है। आइए जानते हैं इस बारे में...
इस समय महाराष्ट्र के बारामती एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से खेती के लाइव डेमोंसट्रेशन की प्रदर्शनी चल रही है। इस प्रदर्शनी में इस खास तकनीक या विधि को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसे कलम तंत्र तकनीक कहा गया है। यह तकनीक किसानों को आकर्षित कर रही है। खास बात यह है कि इस सफलता के लिए एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार बारामती में कलम तंत्रज्ञान की मदद से कई फसलों पर काम किया जाता है। आलू के पौधे में जैसे टमाटर उगाया जाता है, उसी तकनीक से बैंगन की फसल के ऊपर टमाटर का पौधा लगाया जाता है। ऐसे कई फसलों में यहां कलम तंत्रदान विकसित किया है। खास बात यह कि किसान ऑफ सीजन में भी इस तकनीक से खेती कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से किसानों को खासा लाभ होगा। उन्हें दो फसल उगाने के लिए अलग-अलग जगह या जमीन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बारामती के कृषि विज्ञान केंद्र में इस तकनीक से खेती की जा रही है। वैज्ञानिकों ने ग्राफ्टिंग के जरिए आलू के पौधे में टमाटर जोड़ा है। जब आलू और टमाटर दोनों की कलियां आनी शुरू हो गईं, तो उसके खाद-पानी का बराबर ख्याल रखा। 45 से 60 दिन में आलू और टमाटर की पैदावार होने लगी। इससे किसानों को पैदावार के साथ ही मुनाफा भी होगा। किसान 6 महीने में दोनों फसलों से डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा कमा सकता है।