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खुदरा बाजार में बढ़ती टमाटर की कीमतों पर नियंत्रण के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने आज नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) के वैनों को हरी झंडी दिखाई, जो 65 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बेच रहे हैं।
NCCF ने सीधे मंडियों से टमाटर खरीदकर इन्हें रियायती दर पर बेचने की पहल की है। इसका उद्देश्य हाल के दिनों में टमाटर की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को बचाना और बिचौलियों द्वारा की जा रही अप्रत्याशित कमाई को रोकना है। इसके अलावा, NCCF प्रमुख शहरों में सरकारी भंडार से प्याज की आपूर्ति भी 35 रुपये प्रति किलो की दर से कर रहा है।
हाल के हफ्तों में टमाटर की खुदरा कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिली है, जबकि मंडियों में पर्याप्त मात्रा में टमाटर आ रहे हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में लगातार बारिश और मानसून के कारण अधिक नमी की वजह से टमाटर की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा, इस त्योहारी सीजन में बढ़ी हुई मांग और बिचौलियों की भूमिका को भी इस मूल्य वृद्धि का कारण माना जा रहा है।
NCCF की यह पहल से संगठन निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देने, मूल्य स्थिरता बनाए रखने और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों से सीधे संपर्क कर और रियायती दर पर टमाटर उपलब्ध कराकर NCCF मूल्य अस्थिरता के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस पहल के लॉन्च के दौरान उपभोक्ता मामले विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें संयुक्त सचिव और NCCF के प्रबंध निदेशक श्री अनुपम मिश्रा, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार श्री आई.एस. नेगी, और आर्थिक सलाहकार डॉ. कमखेनथांग गुइटे शामिल थे। यह पहल देश के विभिन्न स्थानों पर उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
इस कदम से उपभोक्ताओं को टमाटर की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी और उन्हें सस्ते दामों पर यह आवश्यक वस्तु उपलब्ध हो सकेगी।