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आलू की ये किस्में न केवल उच्च उत्पादन देती हैं, बल्कि किसानों के लिए मुनाफे की एक स्थिर स्रोत बन सकती हैं। इनकी विशेषताएँ जैसे उच्च सूखा पदार्थ, अच्छी भंडारण क्षमता, और रोग प्रतिरोधक क्षमता, किसानों को लाभ प्रदान करती हैं । इन किस्मों को अपनी ज़मीन और मौसम के हिसाब से चुनना चाहिए, जिससे आप उच्चतम उपज प्राप्त कर सकें और अपने क्षेत्र के अनुरूप बेहतर खेती कर सकें।
कुफरी चिप्सोना-5 एक उच्च उत्पादन देने वाली किस्म है (35 टन/हेक्टेयर) जो मुख्य रूप से चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त है। आलू की यह किस्म आईसीएआर केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है। वैजीटेटिव रूप से प्रचारित किया गया है। यह किस्म हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिये उपयुक्त है। यह सफेद क्रीम रंग के अंडाकार आलू उत्पन्न करती है, जिनमें उथले और मध्यम आकार की आंखें होती हैं और इनका गूदा क्रीमी रंग का होता है। यह किस्म 90-100 दिनों में पकती है और इसकी भंडारण क्षमता भी अच्छी है। इसमें 21% ट्यूबर सूखा पदार्थ और 100 ग्राम ताजे आलू में 100 मिलीग्राम से कम शर्करा होती है, जिससे यह चिप्स के उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है। यह किस्म लेट ब्लाइट के प्रति मध्यम प्रतिरोधक क्षमता रखती है।
कुफरी जमुनिया एक उच्च उत्पादन देने वाली किस्म है, जो मुख्य रूप से टेबल उपयोग के लिए उपयुक्त है। आलू की इस खास किस्म को आईसीएआर आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है। इसके आलू का रंग गहरे बैंगनी होते हैं, जिसमें उथली आंखें और बैंगनी गूदा होता है। यह किस्म 90-100 दिनों में पकती है और इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसके आलू में उच्च सूखा पदार्थ होता है और भंडारण की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।
कुफरी भास्कर एक ऊष्मा सहिष्णु किस्म है, जो माइट और होपर बर्न के प्रति सहिष्णुता रखती है। आलू की इस खास किस्म को आईसीएआर केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश (जल्दी रोपण के लिए), मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है। यह एक प्रारंभिक-मध्यम पकने वाली किस्म है, जो 85-90 दिन में तैयार होती है और इसमें 30-35 टन/हेक्टेयर तक उच्च उत्पादन क्षमता होती है। इसके आलू सफेद-क्रीम रंग के अंडाकार होते हैं, जिनमें उथली और मध्यम आकार की आंखें होती हैं और इनका गूदा क्रीम रंग का होता है। यह किस्म अच्छे भंडारण गुणों के साथ आती है और इसे सामान्य पर्यावरणीय परिस्थितियों में लंबे समय तक रखा जा सकता है।
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