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Fish production: बिहार में मछली उत्पादन में 81.98% वृद्धि, मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रमुख योजनाएं के बारे में

मछली पालन को बढावा
मछली पालन को बढावा

बिहार सरकार मछली पालन को बढावा देने के लिये कई योजनाएं चला रही है, जिससे मछली पालकों की आय में वृद्धि हुई है। बिहार सरकार के अनुसार मछली का उत्पादन 2014-15 में 4.79 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 8.73 लाख मीट्रिक टन हो गया है, जिसमें 81.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बिहार अब देश में मछली उत्पादन के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि 2014-15 में यह नौवें स्थान पर था। इसके अलावा 2023-24 में बिहार ने अन्य राज्यों को 38.38 हजार मीट्रिक टन मछली का निर्यात भी किया है।

मछली उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार द्वारा बिहार को विशेष पैकेज के तहत 279.55 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई, जिसमें से 102.49 करोड़ रुपये केंद्रांश शामिल हैं और 56.35 करोड़ रुपये बिहार को जारी किए गए। इस पैकेज के तहत मछली बीज पालन, नए तालाबों का निर्माण, मागुर और झींगा हैचरी, मछुआरों के आवास, पिंजरा संस्कृति, थोक और खुदरा मछली बाजार, मोबाइल फिश आउटलेट जैसी प्रमुख मछली पालन गतिविधियों को मंजूरी दी गई।

बिहार में मछली पालन को बढावा देने के लिए सरकारी पहल:

बिहार सरकार ने मछली पालन व इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य योजना के तहत कई पहल की हैं, जिनमें मत्स्य प्रशिक्षण योजना, मत्स्य एक्सपोजर विजिट योजना, मछली पालन के लिए इनपुट सहायता योजना, मछली तालाबों में एरेटर्स की स्थापना योजना, ट्यूबवेल और पंपसेट योजना, पुराने तालाबों का नवीनीकरण, गुणवत्ता मछली फिंगरलिंग उत्पादन योजना, आर्द्रभूमि विकास योजना, नदी रैंचिंग योजना, पठारी क्षेत्रों में मछली तालाब निर्माण, मछली प्रजातियों का विविधीकरण योजना शामिल हैं।

बिहार में मछली पालन के लिए 522 करोड़ रुपये की स्वीकृति:

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 2020-21 से 2023-24 और 2024-25 के मौजूदा वित्तीय वर्ष में बिहार में 522.41 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें केंद्रांश 158.82 करोड़ रुपये है और 79.84 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इस योजना के तहत फिनफिश हैचरी, ब्रूड बैंक, जलाशयों में पिंजरे की स्थापना, आभूषण मछली पालन इकाइयों का विकास, आरएएस और बायोफ्लॉक इकाइयां, शीत भंडारण, फीड मिल, और पोस्ट-हार्वेस्ट ट्रांसपोर्ट वाहन जैसी सुविधाओं को मंजूरी दी गई हैं।

किसानों के लिए ऋण सहायता: बिहार में मछुआरों और मछली किसानों के लिए 1,290 किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) स्वीकृत किए गए हैं, जिससे उन्हें अपने कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

पशुपालन और डेयरी विकास में पहल:

  1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM): देसी नस्लों के विकास, बछड़ों की उत्पादकता बढ़ाने और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 27.91 लाख पशु शामिल किए गए, 35.11 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए गए और 20.95 लाख किसानों को लाभ मिला।
  2. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम: गुणवत्ता परीक्षण उपकरण और प्राथमिक चिलिंग सुविधाओं के लिए 17 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें 263.23 करोड़ रुपये की लागत शामिल है।
  3. राष्ट्रीय पशुधन मिशन: रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास और प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाने के लिए।
  4. पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम: पशुधन स्वास्थ्य सेवा और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए।

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