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केन्द्रीय सरकार ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत मध्यप्रदेश के 11,377 चिन्हित जनजातीय बहुल गांवों में हर जरूरी विकास कार्य कराए जाएंगे। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत विकास कार्यों को 6 अलग-अलग सेक्टर्स में विभाजित किया गया है।
100 जनजातीय ग्रामीण हाट बाजारों की स्थापना: केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा देश में 100 ट्रायबल मल्टी-पर्पज मार्केटिंग सेंटर्स या जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार तैयार करने की योजना बनाई गई है। एमपी के 19 जिलों में प्रत्येक जिले में एक टीएमएमसी स्थापित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने केन्द्रीय मंत्रालय को भेजा है।
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बुरहानपुर, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगौन, धार, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडोरी, नर्मदापुरम, बैतूल, रतलाम, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया और सीधी। प्रत्येक केंद्र 1 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2000 वर्ग मीटर भूमि पर बनाया जाएगा, जिसमें 367.80 वर्ग मीटर का निर्मित क्षेत्र शामिल होगा।
93 लाख से अधिक जनजातीय आबादी को मिलेगा लाभ: इस अभियान के माध्यम से मध्यप्रदेश के 267 ब्लॉकों में स्थित 11,377 जनजातीय बहुल गांव चिन्हित किए गए हैं। इन गांवों में रहने वाले 18,58,795 जनजातीय परिवारों की कुल 93,23,125 जनसंख्या इसके तहत सीधे तौर पर लाभान्वित होगी। सरकार का उद्देश्य इन परिवारों को विकास के हर पहलू से जोड़कर उनकी जीवनशैली में सुधार लाना है।
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