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एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पीएम जन-मन योजना के माध्यम से प्रदेश में निवास कर रहे बैगा, भारिया एवं सहरिया साथ ही पिछड़ी जनजातियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा 5,481 गांव, जहाँ पीवीटीजी आबादी बहुतायत में निवास करती है, केन्द्र एवं राज्य सरकार के 9 मंत्रालय व विभाग, अपनी 11 प्रकार की नागरिक सुविधाओं की आपूर्ति को सहज और सुगम तरीके से उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की पिछड़ी जनजाति बाहुल्य जिलों में कुल 7 हजार 300 करोड़ रुपए की लागत से नये स्वास्थ्य केन्द्रों, सड़कों, पुलों, छात्रावास, बहुउद्देशीय केंद्रों और आवासों सहित अन्य प्रकार के निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं। इससे प्रदेश के 24 जिलों में निवास करने वाले बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के 11 लाख 35 हजार से अधिक भाई-बहनों को लाभ होगा। साथ ही आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0" योजना के तहत नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्थापना कर इनका सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में आंगनवाडी नए केन्द्र खोले जा रहे हैं। इस अभियान के तहत सभी पात्र पीवीटीजी परिवारों को पक्का घर देकर इनकी आबादी बहुल गांव तक पहुंच मार्गों का निर्माण सहित नये वन-धन विकास केन्द्र आदि नव निर्माण कर इन जनजातियों के कौशल प्रशिक्षण के भी विशेष प्रयास किये जा रहे है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के जरिये केन्द्र और राज्य सरकार ने पीवीटीज के अलावा अन्य सभी जनजातियों के समग्र विकास का खाका तैयार कर लिया है। सरकार ने इस अभियान में करीब 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांवों को विकास की धारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इन गांवों में केन्द्र व राज्य सरकार के 18 मंत्रालय एवं विभाग, 25 प्रकार की जन-सुविधाओं की सहज आपूर्ति करेंगे। इस अभियान में प्रदेश की पूरी जनजातीय आबादी को स्कीम कवर में ले लिया गया है।
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इस अभियान में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, ग्रामीण विकास, जलशक्ति, विद्युत, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, महिला और बाल विकास, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, आयुष, कौशल विकास और उद्यमिता, कृषि व किसान कल्याण, पर्यटन तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग को अपनी विभागीय सेवायें शामिल किया गया है।