केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित 13वें राष्ट्रीय बीज कांग्रेस को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कृषि न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसका आधार हैं। भारत आज न केवल अपनी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना के तहत अन्य देशों को भी फलों और सब्जियों का निर्यात कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में एक अभियान शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना, फसलों के उचित मूल्य प्रदान करना, नुकसान की भरपाई करना और कृषि में विविधता लाना है। हाल ही में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) को केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अनियंत्रित उपयोग से न केवल मिट्टी बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि लोगों को शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिले, जो न केवल मानव शरीर के लिए उपयोगी हो बल्कि धरती की सेहत को भी बनाए रखे। विश्व की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि कृषि उत्पादन में वृद्धि हो, और इसके लिए गुणवत्तापूर्ण बीज का होना अत्यंत आवश्यक है।
समय पर सस्ते और अच्छे बीजों से उत्पादन में वृद्धि: प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में आईसीएआर द्वारा विकसित 109 नई बीज किस्में जारी की गई हैं, जो जलवायु-अनुकूल, कम पानी की आवश्यकता वाली और कम समय में तैयार होने वाली हैं। उन्होंने बताया कि अच्छे बीजों का उपयोग कर उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि की जा सकती है। इसके लिए किसानों को समय पर और किफायती दरों पर बीज उपलब्ध कराना जरूरी है। यह भी कहा कि खराब गुणवत्ता वाले बीज देना एक गंभीर अपराध है क्योंकि यह किसानों की आजीविका और उत्पादन को प्रभावित करता है। बीज कांग्रेस ऐसे मुद्दों पर चर्चा और समाधान खोजने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
चावल की 3,000 से अधिक किस्मों के संरक्षण की अपील: श्री चौहान ने भारत में मौजूद 3,000 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने विद्वानों और विशेषज्ञों की भागीदारी से 13वें बीज कांग्रेस की सफलता पर विश्वास व्यक्त किया और कहा कि इससे भारत में गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
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