• होम
  • श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए आधुनि...

विज्ञापन

श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए आधुनिक तकनीकों पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ

भूमि रिकॉर्ड के लिए आधुनिक तकनीक
भूमि रिकॉर्ड के लिए आधुनिक तकनीक

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 21 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली के डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र (DAIC) में शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए आधुनिक तकनीकों पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यशाला भूमि संसाधन विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है। 

शहरी भूमि रिकॉर्ड सुधार के लिए वैश्विक विशेषताओं पर चर्चा

यह कार्यशाला दो दिनों तक चलेगी। पहले दिन के उद्घाटन सत्र के बाद, विशेषज्ञों द्वारा सिंगापुर, कोरिया, यूके, स्पेन और नीदरलैंड्स जैसे देशों से डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। इसके साथ ही, प्रमुख भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा एक तकनीकी प्रदर्शन और प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। दूसरे दिन, दो प्रमुख सत्र होंगे- पहला सत्र कर्नाटका, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से शहरी भूमि रिकॉर्ड और प्रबंधन के केस स्टडी पर केंद्रित होगा, जबकि दूसरा सत्र विभिन्न योजनाओं और विभागों में सर्वेक्षण तकनीकों और स्थानिक डेटा के केस स्टडी की समीक्षा करेगा, जिसमें AMRUT, स्मार्ट सिटी, SVAMITVA, हरियाणा स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर, IT और संचार (जयपुर), तथा रक्षा संपदा निदेशालय शामिल हैं।

शहरी भूमि रिकॉर्ड में नवाचार के लिए एक मंच तैयार

कार्यशाला में शहरी भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का गठन, चयनित शहरों में पायलट परियोजनाओं के लिए डिज़ाइन योजनाओं का निर्माण और शहरी स्थानीय निकायों और राज्य अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण की रणनीतियाँ शामिल हैं। इसके अलावा कार्यशाला का उद्देश्य शहरी भूमि प्रशासन में आधुनिक तकनीकों का एकीकरण, जिससे भूमि प्रबंधन प्रणालियों में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। यह अवधारणा नोट शहरी भूमि रिकॉर्ड में नवाचार और सहयोग के लिए एक मंच तैयार करता है।

स्थानिक उपकरणों और ड्रोन तकनीक का उपयोग

भारत में शहरी भूमि रिकॉर्ड महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिसमें टुकड़ों में बंटवारा, पुरानी जानकारी और विभिन्न एजेंसियों के बीच रखरखाव शामिल है। ये समस्याएँ प्रभावी शहरी योजना, भूमि प्रबंधन और सेवा वितरण में समस्या पैदा करती है। भारत सरकार शहरी भूमि रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण के लिए नवीनतम तकनीकी समाधानों की खोज कर रही है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में की गई प्रगति पर आधारित है। स्थानिक उपकरणों, उपग्रह इमेजरी, ड्रोन सर्वेक्षण, और GIS एकीकरण जैसी प्रमुख तकनीकों के रूप से सक्षम भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड बनाने के लिए आवश्यक हैं। 

शहरी क्षेत्रों के लिए पायलट परियोजना 

कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करना, लागू करने योग्य तकनीकी समाधानों को प्रस्तुत करना और चयनित शहरी क्षेत्रों के लिए पायलट परियोजना योजना को सुविधाजनक बनाना शामिल है। इसके अलावा कार्यशाला मानकीकरण की कमी, डेटा सुरक्षा, और हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण जैसी चुनौतियों को संबोधित करेगी।

विज्ञापन

लेटेस्ट

विज्ञापन

khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें