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उत्तर प्रदेश सरकार ने 2028 तक 1 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा

यूपी सरकार का हरित भविष्य की ओर कदम
यूपी सरकार का हरित भविष्य की ओर कदम

यूपी सरकार वर्ष 2028 तक ग्रीन हाइड्रोजन व ग्रीन अमोनिया उत्पादन क्षमता को 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और भारत सरकार की नीतियों के अनुरूप राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया की खपत को बढ़ावा देना। अनुसंधान, विकास और तकनीकी नवाचार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 4 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जायेगा।

वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य में हाइड्रोजन की मांग लगभग 0.9 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है, जिसका मुख्य रूप से उपयोग उर्वरक और रिफाइनरी क्षेत्रों में होता है। राज्य अपने घरेलू मांग को पूरा करने और उद्योग के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन व अमोनिया उत्पादन को बढ़ावा देगा।

कितनी मिलेगी पूंजीगत सब्सिडी How much capital subsidy will you get:

इस परियोजनाओं के लिये उत्तर प्रदेश सरकार 30% तक की पूंजीगत सब्सिडी देगी। पहले 5 परियोजनाओं को 40% तक की पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी, जो अधिकतम INR 225 करोड़ तक होगी।

ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए भूमि और जल संसाधन प्रोत्साहन:

  • निजी डेवलपर्स को प्रति वर्ष 15,000 रुपये प्रति एकड़ की दर पर भूमि आवंटित की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए: @INR 1 / एकड़ / वर्ष।
  • स्टाम्प ड्यूटी पर 100% छूट।
  • ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए कैप्टिव सोलर एनर्जी प्लांट्स के लिए भूमि आवंटन @ 5 एकड़ / मेगावाट, अधिकतम 20 मेगावाट / किलो टन / वर्ष तक।

ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को मिलेगी 100% शुल्क छूट:

  • परियोजना की अवधि पहले 10 वर्षों के लिए जो भी पहले हो बिजली शुल्क पर 100% छूट मिलेगी।
  • परियोजना की अवधि तक  10 वर्षों के लिए राज्य के भीतर व्हीलिंग / ट्रांसमिशन / क्रॉस-सब्सिडी सरचार्ज पर 100% छूट मिलेगी।
  • ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए 25 वर्षों के लिए मासिक आधार पर बैंकिंग सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • परियोजना इकाई में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए उपभोग की जाने वाली नवीकरणीय ऊर्जा को परियोजना डेवलपर के लिए RPO का हिस्सा माना जाएगा।

उत्तर प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को मिलेगा बढ़ावा:

  • ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी के लिए श्वेत श्रेणी (White Category) का दर्जा प्राप्त होगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं में निवेश को सरल बनाने के लिए एक भूमि, बैंक, जल उपलब्धता के स्रोत और ट्रांसमिशन बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए एक समर्पित सिंगल विंडो पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
  • यह नीति उत्तर प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में अग्रणी बनाने के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक विकास को भी गति प्रदान करेगी।

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