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किसानों के लिए ट्रैक्टर खेती में बहुत ही उपयोगी कृषि यंत्र है। इसकी मदद से कम समय में खेती के सभी काम आसानी से किए जा सकते हैं। अब मार्केट में इस नई तकनीक ड्राइवरलेस ट्रैक्टर आ गए हैं। इसी बीच एक युवा किसान ने अपनी सोच और समझ से ऐसे ट्रैक्टर को बना डाला जो बिना ड्राइवर के चल सकता है साथ ही खेत में बीजों की बुवाई भी कर सकता है। इसको चलाने के लिये किसी ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है। आईए जानते हैं कैसे काम करता है यह ड्राइवरलेस ट्रैक्टर।
महाराष्ट्र का एक युवा किसान जिसका नाम राजू वरोकर है। इस किसान को सोयाबीन की खेती करने के लिये मजदूर नही मिल रहे थे और यह किसान मजदूरों की कमी के कारण खेती नहीं कर पा रहा था। फिर इस युवा किसान के मन में एक विचार आया कि कम खर्च और जिसमें मजदूरों की आवश्यकता भी ना पड़े। ऐसे में खेत में सोयाबीन की बुवाई कैसे कर सकते हैं। इसके बाद इस किसान ने बिना ड्राइवर का ट्रैक्टर बनाने के लिए प्रेरित किया और वह इस काम में लग गए।
इस तकनीक में जीपीएस कनेक्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है जिसमें ऑटो पायलट सोइंग टेक्नोलॉजी की सहायता से ट्रैक्टर को ऑटो पायलट मोड पर डालकर खेत में बुवाई का काम किया जा सकता है। इस तकनीक से खेतों की जुताई, फसलों की कटाई, ढुलाई, स्प्रेइंग के कई काम कर सकता है। इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान अपनी लागत में 4 गुना कमी ला सकते हैं।
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इस तकनीक के जरिये सीधी लाइन में रोपाई होती है। इस तकनीक के माध्यम से उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और समय व श्रम की बचत के साथ लागत भी कम आती है। इसकी लागत केवल 4.5 से 5 लाख रुपए है। इस तकनीक से बुवाई करने पर उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है और बीज अंकुरण में काफी अच्छा सुधार होता है।
क्या है ड्राइवरलेस ट्रैक्टर की खासियत: ड्राइवरलेस ट्रैक्टर कुछ अनूठी सुरक्षा सुविधाओं से लैस है। टैबलेट यूजर इंटरफेस के माध्यम से नियंत्रण किसान को कुशलतापूर्वक खेती करने के लिए आवश्यक इनपुट को प्रोग्राम करने में सक्षम बनाता है और साथ ही ट्रैक्टर को दूर जाने से रोकने के लिए नियंत्रण प्रदान करता है और किसान टैबलेट के माध्यम से ट्रैक्टर को दूर से भी नियंत्रित कर सकता है। इसके अलावा, रिमोट इंजन स्टार्ट स्टॉप इंजन को रोकने की क्षमता प्रदान करता है। महिंद्रा ट्रैक्टरों पर इस तकनीक के इस्तेमाल से किसान अपने खेतों में लंबे समय तक काम कर सकते हैं। यह खेती के कामों में बेहतर गुणवत्ता और निरंतर करेगा, जिससे उत्पादकता और कृषि उपज में वृद्धि होगी।