उत्तर प्रदेश सरकार महिला किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। राज्य में 10 महिला किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को आदर्श किसान उत्पादक संगठन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य महिला किसानों को स्थानीय बाजारों तक सीधी पहुंच प्रदान करना और उनके उत्पादों के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित करना है।
सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, महिला किसानों को संगठित करने और उनके उत्पादों की सीधी बिक्री की सुविधा देने के लिए महिला केंद्रित एफपीओ की स्थापना की जा रही है। इन संगठनों के जरिए न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों और टिकाऊ खेती के तरीकों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए इन एफपीओ का गठन करेगी। इस योजना का उद्देश्य महिला किसानों को संरक्षित समूहों में संगठित करना, उनके कृषि उत्पादों का संग्रहण और प्रसंस्करण करना, और बेहतर कीमतों पर उनकी बिक्री सुनिश्चित करना है।
महिला एफपीओ को मिलेगा तकनीकी और बाजार समर्थन
महिला एफपीओ को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें तकनीकी और मार्केटिंग सहायता दी जाएगी। यह कदम महिलाओं को न केवल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें अपने उत्पादों के लिए स्थानीय बाजारों में सीधी पहुंच भी प्रदान करेगा।
महिला किसानों को दी जायेगी आधुनिक कृषि तकनीक ट्रेनिंग:
महिला किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, जैविक खेती, और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस पहल का मकसद महिलाओं में आत्मनिर्भरता और गर्व की भावना विकसित करना है।
डेयरी और स्वरोजगार में भी मिल रहा है बढ़ावा:
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में संगठित किया जा रहा है। इन्हें कुटीर उद्योग, डेयरी फार्मिंग, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, हथकरघा और अन्य हस्तशिल्प कार्यों के लिए ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता दी जा रही है।
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