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बिहार में मिट्टी जांच लैब के लिए जल्द ही निकलेगी वैकेंसी, युवाओं को मिलेगें रोजगार के अवसर

बिहार मिट्टी जांच लैब भर्ती 2024
बिहार मिट्टी जांच लैब भर्ती 2024

बिहार राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में मिट्टी जांच के लिए जल्द ही वैकेंसी आने वाली है। बिहार के युवाओं के लिए जल्द कृषि विभाग में मिट्टी लैब जांच के लिये वैकेंसी आने वाली है। योजनाओं की समीक्षा करते हुए बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि जल्द ही खाली पदों के भरे जाने की बात कही गई है। यह मृदा परीक्षण कृषि विज्ञान की दृष्टि से सही, लाभकारी और पर्यावरण के अनुकूल है जिसका उपयोग पोषक तत्वों की निगरानी के साथ-साथ विभिन्न फसलों और फसल क्रमों के लिए सटीक उर्वरक सिफारिशें करने के लिए किया जाता है जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। 

इन पदों पर की जाएगी नियुक्ति:

राज्य की मिट्टी जांच के लिये सहायक अनुसंधान पदाधिकारी 207, प्रयोगशाला सहायक के पद के लिये 75, सहायक निदेशक मिट्टी जांच के 26, लिपिक के 22 पदों समेत कई अन्य पद रिक्त पद शामिल हैं, जिन पर बहुत जल्द नियुक्ति की जाएगी। बिहार राज्य के 9 प्रमंडलों की मिट्टी जांच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से चलाने के लिए तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे मिट्टी नमूनों की जांच करके फसलों के उपज में वृद्धि की जा सके।

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मिट्टी की उर्वरा शक्ति और फसल उत्पादन में वृद्धि:

फसल की पैदावार निर्धारित करने में मिट्टी की उर्वरता महत्वपूर्ण है। किसी विशेष क्षेत्र में मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए विभिन्न मिट्टी की उर्वरता स्तर के लिए उर्वरकों का वैज्ञानिक और संतुलित उपयोग महत्वपूर्ण है। मिट्टी और उर्वरक पूरक तरीके से कार्य करते हैं जिससे पोषक तत्वों की इष्टतम आवश्यकता पूरी होती है। यह माना जाता है कि मिट्टी परीक्षण मूल्यों में वृद्धि से अधिकतम प्रतिक्रिया के लिए उर्वरक की आवश्यकता कम हो जाती है। यह मिट्टी में जैविक और अकार्बनिक उर्वरकों के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है। परमाणु तकनीकें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादन को बढ़ाने वाले डेटा प्रदान करती हैं। जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से हवा से नाइट्रोजन को स्थिर करने के लिए हरी खाद या फलीदार पौधों को उगाने का उपयोग किया जा सकता है।

मिट्टी का परीक्षण क्यों करें:

कृषि मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य के सभी गांवों से कुल 5 लाख मिट्टी जांच नमूनों की जांच होने का लक्ष्य रखा गया है। मिट्टी जांच के द्वारा संतुलित मात्रा में खादों के उपयोग को बढ़ावा देना साथ ही कृषि लायक मिट्टी को स्वस्थ रखना, फसल उपज में वृद्धि लाना और खेती की लागत को कम करना है। इसके अलावा पोषक तत्वों की स्थिति की पुष्टि करने और कमी के बारे में चेतावनी देने हेतु और पौधों के खराब प्रदर्शन के मुख्य कारणों की पहचान करने के लिये एवं भूमि उपयोग और प्रबंधन में परिवर्तन के प्रति मिट्टी के स्वास्थ्य में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी करने के लिये मिट्टी का परीक्षण जरूरी है।

नौकरी के लिए योग्यता: बिहार के रहने वाले निवासियों के लिये मिट्टी जांच लैब में नौकरी लिए सबसे अच्छा मौका है। इसके सबसे पहले आपको 12वीं पास होना चाहिए, तब आप वैकेंसी आने के बाद अप्लाई कर सकेंगें।

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