• होम
  • आईसीएआर द्वारा विकसित टमाटर, लौकी और भिंडी की टॉप किस्में, ज...

आईसीएआर द्वारा विकसित टमाटर, लौकी और भिंडी की टॉप किस्में, जाने इनकी विशेषताएं

टमाटर, लौकी और भिंडी
टमाटर, लौकी और भिंडी

टमाटर पूसा शक्ति टमाटर की एक उन्नत वेरायटी है। टमाटर की इस खास किस्म को आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। पूसा शक्ति किस्म टमाटर की खेती के लिए मई से अक्टूबर के दौरान खुले खेतों में उपयुक्त है। इसके पके फलों में मोटी पेरिकार्प (7.00 मिमी), मध्यम टीएसएस (4.8° ब्रिक्स), और लाइकोपीन (6 मिलीग्राम/100 ग्राम) की अच्छी मात्रा होती है। यह किस्म उच्च तापमान सहन करने में सक्षम है और औसत उपज 351 क्विंटल/हेक्टेयर है।

पूसा टमाटर हाइब्रिड-6 (हाइब्रिड किस्म) Pusa Tomato Hybrid-6 (Hybrid Variety):

टमाटर की इस किस्म को आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म छत्तीसगढ़, तेलंगाना ओडिशा और आंध्र प्रदेश क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। यह टमाटर हाइब्रिड चार प्रमुख रोगों (टमाटर पत्ती कर्ल रोग, पछेती तुषार, फ्यूजेरियम विल्ट, और जीवाणु विल्ट) के प्रति प्रतिरोधी है। इसमें विटामिन सी की उच्च मात्रा (29 मिलीग्राम/100 मिली रस) होती है। खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उपयुक्त और फसल अवधि 130-150 दिन है। खरीफ में इसकी औसत उपज 900 क्विंटल/हेक्टेयर और रबी में 600 क्विंटल/हेक्टेयर है।

लौकी काशी शुभ्रा (खुला परागित किस्म) Bottle gourd Kashi Shubhra (open pollinated variety):

लौकी की इस खास किस्म को आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, उत्तर प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पंजाब क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। लौकी की यह किस्म खरीफ, जायद और ऑफ-सीजन उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इसके फल हल्के हरे, चिकने, बेलनाकार और मध्यम लंबे (28-30 सेमी) होते हैं। बेहतर भंडारण गुणवत्ता के कारण यह पैकेजिंग, दूरस्थ परिवहन और निर्यात के लिए उपयुक्त है। इसकी औसत उपज क्षमता 600 क्विंटल/हेक्टेयर है।

भिंडी अर्का निकिता (हाइब्रिड किस्म): भिंडी की इस किस्म को आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है। यह किस्म कर्नाटक क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। भिंडी की यह किस्म यह जेनिक नर बाँझपन आधारित एफ1 संकर किस्म है, जो YVMV रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसके फल गहरे हरे, कोमल, चिकने, काँटों से मुक्त और आयोडीन से भरपूर होते हैं। इसकी औसत उपज क्षमता 21-24 टन/हेक्टेयर है।

लेटेस्ट
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें