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दुनिया भर की फसलों को एक खास कीट से खतरा जताया गया है। इसका नाम है फॉल आर्मी वर्म। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने चेतावनी जारी की है कि फॉल आर्मी वर्म आने वाले समय में खाद्यान्न फसलों की उपज को कम कर सकता है। बताया गया है कि यह कीट भारत समेत अब तक 70 देशों में फैल चुका है। यह खासकर मक्के की फसल को निशाना बनाता है। इसके साथ ही यह कीट मक्का और चावल समेत 80 तरह के पौधों पर हमला करता है। यह जिस भी फसल में लगता है, उसे बिल्कुल नष्ट कर देता है। भारतीय कृषअनुसंधान परिषद (ICAR) ने भी इसके बारे में चेताया है। खासतौर पर अमेरिका में मिलने वाले आर्मी वर्म के बारे में कहा जाता है कि यह वर्ष 2016 में नाइजीरिया पहुंचा था और कुछ ही दिनों में अफ्रीका के 44 देशों में फैल गया।
वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी वयस्क मादा एक बार में 50 से 200 तक अंडे देती है। यह मादा अपने जीवनकाल (7 से 21 दिन) में 10 गुच्छे अंडे यानी 1700 से 2000 तक अंडे दे सकती है। ये अंडे 3 से 4 दिनों में फूट जाते हैं और इनमें से लार्वा निकलता है। लार्वा अवधि 14 से 22 दिनों की होती है। प्यूपल पीरियड 7 से 13 दिनों का होता है। इस कीट का जीवनचक्र 30 से 61 दिनों का होता है।
इस कीट के लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाते हैं, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे लार्वा बड़े होते हैं, पौधों की ऊपरी पत्तियों को खाते जाते हैं और लार्वा बड़ा होने के बाद की पत्तियां खाती रहती हैं। पत्तियों पर बड़े गोल-गोल छिद्र एक ही पक्ति में नजर आते हैं।
इस कीट से बचने के लिए मक्का की अगेती बुआई करना सबसे कारगर उपाय है। दूसरा, मक्का के बाद अगले वर्ष मक्का की बुआई न करें। प्यूपा से वयस्क बनने की अवस्था को रोकने के लिए जमीन में नीम की खली 250 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर डालें। प्रति हेक्टेयर एक लाइट ट्रैप लगाकर इसके मोथ पर नजर रखें। अंडे के गुच्छे ढूंढकर नष्ट करें। इसके लिए कीटनाशी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इसके नियंत्रण के लिए एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें। अथवा थियोडिकार्ब 75 एसपी 1 कि.ग्रा. अथवा फुबेंडोमाइड 480 एससी 150 एमएल अथवा क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 1 लीटर या स्पिनोसेड 45 ईसी 175 एमएल प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करना फायदेमंद होता है।