विज्ञापन
नई दिल्ली (08 फरवरी)। दिसंबर से जनवरी के बीच कड़ाके की ठंड पड़ने के साथ ही कोहरा और पाला भी देखने को मिला। वहीं अब फरवरी में उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से लोगों का जनजीवन बेहाल है । इसका असर फसलों पर भी देखने को मिल रहा है। किसान के सामने बारिश से फसलों को बचाने की भी समस्या है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन और बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 9 से 11 फरवरी तक उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश हो सकती है। ऐसे में किसानों के लिए भी कुछ सलाह दी गई हैं।
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के अनुसार 7 फरवरी को उत्तरी मध्य प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में और 8 और 9 फरवरी को असम और मेघालय और मिजोरम और त्रिपुरा में सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, पूर्व और मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। 7 फरवरी को हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर की स्थिति होने की संभावना है।
बारिश को देखते हुए किसानों को कटाई के लिए तैयार फल की तुड़ाई करने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि किसान पपीते और केले के गुच्छों को स्कर्टिंग बैग से ढकें, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बगीचे के पौधों को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए ओला जाल या ओला कैप का उपयोग करें।
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश में काटी गई उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश में फलों के पौधों को यांत्रिक सहायता दें। तेज़ हवाओं के कारण सब्जियों को गिरने से रोकने के लिए सहारा लगाएं। तेज़ हवाओं के दौरान सिंचाई और उर्वरक के प्रयोग को स्थगित कर दें और खुले में खड़े होने या खेतों में काम करने से बचें और आंधी/बिजली की अवधि के दौरान जानवरों को घर के अंदर रखें।