भारत में प्याज की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है। इसकी खेती खरीफ सीजन में की जाती है।
किसानों को सबसे समस्या इस बात की रहती है कि वह कैसे अपनी फसल को कीटो या रोंगो से सुरक्षित रखें और किन खादों का इस्तेमाल करें।
प्याज की बेहतर पैदावार के लिये किसान कार्बनिक खादों में गोबर की खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गोबर खाद का इस्तेमाल 20 से 24 टन प्रति हेक्टेयर की दर से प्याज की बुवाई करसे समय 10-12 दिन पूर्व खेत डालें।
खेत में नाइट्रोजन की आवश्यकता के लिये अमोनियम सल्फेट या सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमल कर सकते हैं।
खरीफ सीजन में प्याज की फसल में 10 से 12 सिंचाई की आवश्यकता होती है।
रबी सीजन में प्याज की सिंचाई खुदाई से 15-18 दिन पहले से ही कर देनी चाहिए।
इससे प्याज की परत मोटी और उपज भी अच्छी होती। इन खादों का प्रयोग करके किसान भरपूर पैदावार के साथ अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।