भारत के अधिकांश उत्तरी भागों में सफेद यानी दूधिया बटन मशरूम की खेती की जाती है। दक्षिण भारत में दूधिया मशरूम की खेती व्यापारिक स्तर पर की जाती है।
दूधिया मशरूम का आकार और बनावट सफेद बटन मशरूम के समान होती है।
दूधिया मशरूम की खेती के लिए उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। फफूंद को फैलने के लिए 25-35 डिग्री सेल्सियस और 80-90% आर्द्रता की जरूरत होती है।
सबसे पहले भूसे या धान के भूसे के चूर्ण को एक छोटी बोरी में भरकर साफ पानी में कम से कम 6 घंटे तक डुबोकर रखें।
इसके बाद गीले भूसे से भरी इस बोरी को उबलते गर्म पानी में 40 मिनट तक डुबोएं।
फिर भूसे को गर्म पानी से निकालकर साफ फर्श पर फैला दें ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए और भूसा ठंडा हो जाए।
भूसा डालने से पहले फर्श को धोकर उस पर 2 प्रतिशत फॉर्मेलिन घोल (50 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करें।
इस समय भूसे में पानी (नमी) की मात्रा 65-70 प्रतिशत होनी चाहिए।
भूसे को मुट्ठी में कसकर दबाने से पानी निकल जाए तो समझ लेना चाहिए कि भूसे में नमी ठीक है। इस प्रकार, उपचारित माध्यम बुवाई के लिए तैयार है।