फसल की बंपर पैदावार और वक्त से पहले फसल तैयार होने की संभावना बढ़ जाती है।
पौधे की जड़ तक पानी का वितरण एक समान और सीधे होता है।
घास–फूस को बढ़ने और मिट्टी के कटाव को रोकता है।
दूसरी सिंचाई तरीकों के मुकाबले इसमे मजदूरी का खर्च कम किया जा सकता है।
इसका संचालन कम दबाव में ऊर्जा खपत होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है।
खाद या सूक्ष्म पोषक तत्वों को कम से कम क्षति पहुंचाए फर्टीगेशन किया जा सकता है।
वॉल्व्स और ड्रिपर की सहायता से पानी के कम या ज्यादा प्रवाह को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
ड्रिप व्यवस्था वक्त और धन दोनों की बचत करता है।