बैक्टीरियल ब्लाइट - इस बैक्टीरिया का प्रकोप ठंड में अधिक देखने को मिलता है। पत्तियों, तनों, डंठलों और फलियों पर धब्बे पड़ जाते हैं।
चारकोल सड़न - सोयाबीन की फसल में ये बीमारी फेजियोलिना नामक फफूंद से लगती है। नवजात पौधे मरने लगते हैं और पत्तियां पीली पड़कर टूटने लगती है।
पीला मोजेक रोग - यह रोग मूंग के पीला मोजेक वायरस द्वारा उत्पन्न होता है तथा बै मौसिया टेबेकाई नाम सफेद मक्खी द्वारा स्वस्थ पौधे तक फैलता है।
झूलसा रोग - ये रोग फलियों और बीज को प्रभावित करती है। पत्तों पर भूरे-पीले धब्बे पड़ जाते और पत्तियां सूखकर गिरने लगती हैं।
गेरूआ (रस्ट) रोग - यह रोग केकोप्सोरा पैकीराईजी नामक फफूंद के द्वारा होता है। तापक्रम अधिक होने की दशा में रोग की सम्भावना बढ़ जाती है।