आलू की खेती रबी के समय सितंबर से अक्टूबर माह में बुवाई कर सकते हैं।
इसके लिये बलुई दोमट या रेतीली मिट्टी में इसकी पैदावार ज्यादा होती है।
आलू की खेती करने के लिये सबसे पहले आलू की दो भागों में कटिंग की जाती है।
इसके बाद भूमि की क्यारियां बना लें उन क्योरियों में एक-एक करके आलू की रोपाई की जाती है।
फिर आलू को मिट्टी से ढ़क दिया जाता है और 3 माह बाद आलू तैयार हो जाती।
आलू की फसल को सर्दियों में सप्ताह में दो बार सिंचाई करनी चाहिए जबकि सूखे के दौरान आमतोर पर ज्यादा सिंचाई करना चाहिए।
आलू की कुफरी गंगा, कुफरी स्वर्ण, कुफरी चंद्रमुखी और कुफरी पुखराज किस्मों की बुवाई करें।
एक एकड़ भूमि में आलू का उत्पादन लगभग 110 कुंटल प्राप्त किया जा सकता है, जिसमें किसान भाईयों को 1 से 2 लाख रूपये तक की कमाई की जा सकती है।