औषधीय पौधों की खेती में किसानों को इन दिनों रुचि बढ़ी है।
मुलहठी - मुलहठी की फसल के लिए उचित जल निकासी वाली गहरी हल्की दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मुलहठी को फरवरी-मार्च या अगस्त-सितम्बर में बोया जा सकता है।
शतावरी - शतावरी को सर्दियों के अलावा किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है। लेकिन वर्षा के समय लगाये गये पौधे आसानी से उग आते हैं।
कलिहारी - कलिहारी के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसकी बुआई जुलाई-अगस्त में बारिश के समय की जानी चाहिए।
सनाय - सनाय को क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग समय पर बोया जाता है। उत्तर भारत में इसे नवंबर में पश्चिम भारत में जून-जुलाई व अक्तूबर-नवंबर में दक्षिण भारत में बोया जाता है।