माहु: माहु नामक रोग मक्के के पौधों पर दिखाई देता है और इसके परिणामस्वरूप पत्तियों पर काले निशान बन जाते हैं।
सैनिक सुंडी: यह कीड़ा मक्के के पौधों को काटकर उनमें गहरी खोखली निशाने छोड़ देता है।
मक्का खाने वाला कीड़ा: यह कीड़ा मक्के के भीतर खाद्य अंग का विनाश करता है और पौधों के पत्तों को काटता है।
तना छेदक: इसके प्रकोप से मक्के के भृष्ट प्रतीत होते हैं, जो उसकी प्रजातियों को क्षति पहुँचा सकता है।
सिरा मक्खी: यह कीट निचले हिस्से को प्रभावित करते है अंकुरित हो रहे पौधे के जड़ को नष्ट करने का प्रयास करते है।
पत्ती झुलसा: यह रोग मक्के के पत्तों पर लाल रंग के छोटे दाने बना देता है, जो फसल के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकते हैं।
रतुआ: यह रोग मक्के के पौधों के पास के भागों पर बड़े सफेद पानी के घेरे बना देता है, जो फसल की वृद्धि को रोक सकते हैं।