उखेड़ा रोग: इस रोग में पौधे की पत्तियों पर सफेद या हल्के पीले रंग के छोटे छाले बन जाते हैं। इससे पौधे की वृद्धि में बाधा होती है।
रतुआ रोग: यह रोग पौधे के पत्तों पर रंगीन रतुआ के रूप में पाया जाता है। इससे पत्तियाँ सूखने लगती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है।
एस्कोकाइटा: इस रोग में पत्तियों पर छोटे गहरे भूरे दाग बन जाते हैं जो बाद में सफेद हो जाते हैं। पत्तियाँ सूख जाती हैं और पौधा मर जाता है।
ब्लाईट: पत्तियों पर पीले या सफेद रंग के अनियमित आकार के दाग बन जाते हैं, पत्तियां धीरे-धीरे सूख जाती हैं, और तने कमजोर हो जाते हैं।
गलनसूखा: इस रोग में पौधों की जड़ें सड़ जाती हैं और पौधे की वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
आर्द्र जड़ गलन: इस रोग में पौधे की जड़ें आर्द्र हो जाती हैं और पौधा मर जाता है।