पहले दिन मां शैलपुत्री को गाय का दूध और देशी घी से बने पकवान का भोग लगता है।
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री का भोग लगाना चाहिए।
तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा को दूध से बनी खीर या पंचाम्रत का भोग लगाना चाहिए।
चैथे दिन मां कूष्मांडा को कुट्टू या सिंघाडे से बने मालपुआ का भोग लगाना चाहिए।
पांचवे दिन मां स्कंदमाता को फलों जैसे केले, सेब आदि का भोग लगाना चाहिए।
छठवें दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए।
सातवें दिन माता कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना चाहिए।
आठवें दिन माता महागौरी को कच्ची नारियल का भोग लगाना चाहिए।
नौवें दिन नवरात्रि में मां दुर्गा को हलवा, पूरी और खीर का भोग लगाना चाहिए।