मटर की खेती अक्टूबर-नबंवर माह के मध्य उच्च किस्मों की बुवाई करके अधिक पैदावार के साथ भूरपूर मुनाफा कमाया जा सकता है।
मटर की खेती के लिए मटियार और दोमट भूमि सबसे उपयुक्त होती है, जिसका पीएच मान 6-7.5 होना चाहिए।
इसके अच्छे विकास के लिए 10 से 18 डिग्री सेल्सियस तापमान बेहतर होता है।
मटर की बुवाई करने से पहले बीजों को पानी में भिगोकर रखना चाहिए और इसके बाद छाया में सुखाकर बुवाई करनी चाहिए।
मटर की सिंचाई स्प्रिंकलर द्वारा शाखा बनते समय फूल आने पूर्व सिंचाई करनी चाहिए।
मटर की फसल करीब 135-155 दिनों में तैयार हो जाती है।
उन्नत तकनीकि से खेती करने पर 20-22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपल प्राप्त हो सकती है।