तना छेदक या स्टेम बोरर कीट छोटे पीले-भूरे रंग के शरीर वाले, सफ़ेद से लेकर गंदे-क्रीम रंग के होते हैं। इस कीट की सुंडी फसल को अधिक नुकसान पहुंचाती है।
तना छेदक धान के तने को अंदर से खाता रहता है उसके बाद तना वह सूखा हुआ दिखाई पड़ता है, और बाद में पीला दिखाई पड़ने लगता है।
धान के खेत में इसके प्रकोप से पौधों के विकास में बाधा आती है। इससे छोटी पत्तियां मुरझाकर मर जाती हैं।
तना छेदक कीट का प्रकोप से धान के हवा बहने पर डंठल से आसानी से टूट जाते हैं।
धान के तने के अंदर कीटों और बीमारियों को प्रवेश हो जाती है, जिससे फसल का नुकसान बढ़ सकता है।
ये कीट धान की फसल का 10 फीसदी तक नुकसान करते हैं अगर ज्यादा प्रकोप हो गया तो 80 फीसदी तक उपज का नुकसान पहुंचा देते हैं।