जमीन को अच्छे से 2-3 बार कल्टीवेटर या हल से जुताई करें, जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
इसके बाद सूरजमुखी की उन्नत और हाइब्रिड किस्मों की बुवाई करें।
खेत में अच्छी पैदावार के लिए गोबर की सड़ी खाद या वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें।
किसान मिट्टी की जांच करके नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, गंधक और सूक्ष्म तत्वों का इस्तेमाल करें।
फूल निकलते समय सूरजमुखी की फसल पर बोरेक्स का छिड़काव करें, ताकि बीजों की गुणवत्ता बरकरार रहे।
फसल को नील गायों और चिड़ियों से बचाने के खेत की मेड को नियंत्रित करना चाहिए।