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रिले क्रॉपिंग सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक ही जमीन पर अलग-अलग सब्जियों की खेती की जा सकती है। इस खास तकनीक से किसान अधिक पैदावार के साथ अपनी आय में भी इजाफा कर सकते हैं। इस तकनीकि से अगली फसल पिछली फसल की कटाई से पहले बोई जाती है। किसान क्रॉपिंग सिस्टम सब्जियों की खेती करके बेहतर पैदावार और आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
रिले क्रॉपिग सिस्टम में एक खेत में एक फसल लगाई जाती है, जबकि दूसरी फसल उसी खेत में बाद में लगाई जाती है जिससे पिछली फसल की बची हुई नमी व पोषक तत्वों का भरपूर लाभ उठाया जा सके। इसमें पहली फसल को काटने से पूर्व दूसरी फसल की बुवाई की जाती है। इससे पहली फसल की नमी दूसरी फसल को मिल जाती है जिससे सिंचाई की कम जरूरत होती है मतलब कम सिंचाई में अधिक फसलों का लाभ इस प्रणाली से लिया जा सकता है।
रिले क्रॉपिंग तकनीक का उपयोग कर कई प्रकार की सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। इस तकनीक से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके।
ककड़ी के साथ मिर्च की खेती: इस तकनीकि में ककड़ी के साथ मिर्च की खेती की जा सकती है। इसमें रिले क्रॉपिंग प्रणाली का इस्तेमाल करके फसल की दो बार बुवाई की जाती है। मिर्च फरवरी में मेड़ों पर बोई जाती है।
इस प्रणाली में गहरी जड़ वाली सब्जियों के बाद उथली जड़ वाली सब्जियां लगानी चाहिए जिससे वे मिट्टी की सभी परतों से पोषक तत्व ग्रहण कर सकें। इसी प्रकार मटर और सेम जैसी फलियां लगाना काफी लाभकारी हो सकता है।