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मध्यप्रदेश सरकार पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह से मौसम में बडे बदलाव हो रहे हैं, जिसके कारण रबी मौसम की प्रमुख फसलें गेहूं और चना में कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। इस स्थिति को देखते हुए कृषि विकास विभाग का मैदानी अमला किसानों के खेतों का भ्रमण कर उन्हें संभावित समस्याओं और उनके समाधान से अवगत करा रहा है।
दिसम्बर-जनवरी के मौसम में आए परिवर्तन विशेष रूप से न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण चना फसल में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कम हो रही है। इसके परिणामस्वरूप पौधे पीले पड़कर सूखने लगे हैं, जिससे फसल को आर्थिक नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा चना फसल पर चने की सुंडी इल्ली, उकठा रोग और जड़ सड़न रोग का प्रभाव देखने को मिलता है।
गेहूं फसल में जड़माहू कीट और कठुआ इल्ली का प्रकोप: रबी की मुख्य फसल गेहूं में जड़माहू कीट और कठुआ इल्ली का प्रारंभिक प्रकोप देखने को मिला है। यह फसल की जड़ों और पत्तियों को प्रभावित कर रही है, जिससे पौधे पीले पड़ने और सूखने लगे हैं। इल्ली के प्रकोप से फसल की वानस्पतिक वृद्धि और बालियां प्रभावित हो रही हैं।
कृषि विभाग की सलाह: कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों की नियमित निगरानी करें और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें। फसलों की सुरक्षा के लिए दिए गए दवाओं और पोषण उपायों का उपयोग समय पर करें। सतर्कता और सही प्रबंधन से फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।