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Wheat Production in Hindi: इस एक वजह से बढ़ जाएगा गेहूं उत्पादन, किसानों को हो रहा लाभ

Wheat Production in Hindi: इस एक वजह से बढ़ जाएगा गेहूं उत्पादन, किसानों को हो रहा लाभ
Wheat Production in Hindi: इस एक वजह से बढ़ जाएगा गेहूं उत्पादन, किसानों को हो रहा लाभ

पूरा उत्तर भारत इस समय ठंड और कोहरे से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में तो पारा काफी नीचे जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त है। इस बीच कई इलाकों में तो बारिश भी हुई है। साथ ही कई इलाकों में बारिश होने का भी अनुमान जताया जा रहा है। इस बीच किसानों को भी अपनी फसल बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। लेकिन कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक यह मौसम गेहूं की पैदावार के लिए उपयुक्त है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का कहना है कि शीतलहर गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद है। इससे गेहूं की अच्छी उपज हो सकती है। 

बारिश और ठंड से मिला लाभ:

भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर) के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने इस मौसम को गेहूं की फसल के लिए लाभदायक बताया है। उन्होंने कहा है कि इस समय चल रही शीतलहर और ठंड गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी। उनका कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश हो जाती है, तो गेहूं उत्पादकों के लिए और अच्छा होगा। इससे उनकी गेहूं की फसल ज्यादा अच्छी होगी। उत्तर भारत में कई दिनों से पड़ रही सर्दी और शीतलहर की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के विशेषज्ञों ने भी इस बार अच्छी उपज की उम्मीद जताई है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस तेज ठंड के चलते गेहूं की फसल तेजी से बढ़ रही है। खास बात यह है कि फसल में पीले रतुआ रोग का असर भी नहीं दिख रहा है। वहीं मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटों तक उत्तर भारत में घना कोहरा छाए रहने का अनुमान जताया है। 

गेहूं के लिए कम तापमान फायदेमंद: विशेषज्ञों के अनुसार सामान्य से कम तापमान रबी की फसल में गेहूं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि अधिक सर्दी और शीतलहर के कारण गेहूं के दाने अधिक पुष्ट हो जाते हैं। आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि देश भर में गेहूं की बुआई बेल्ट के व्यापक क्षेत्र सर्वेक्षण के बाद, अब तक पीले रतुआ या किसी अन्य बीमारी की कोई रिपोर्ट या संकेत नहीं मिले हैं। 

गेहूं की बंपर पैदावार का अनुमान: इस मौसम को देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि शीतलहर के साथ- साथ गेहूं की फसल को प्रयाप्त मात्रा में धूप भी मिलती रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सरसों और सब्जियां उगाने वाले किसानों को ठंड के मौसम के प्रभाव को कम करने के लिए हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है। उम्मीद जताई गई है कि इस बार देश में गेहूं का उत्पादन, सरकार द्वारा अनुमानित लक्ष्य 114 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।

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