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पिछले कुछ दिनों में देश की मंडियों में फसलों के भाव में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, खासकर गेहूं के दाम में तेजी आई है, जिससे गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। गेहूं देश की प्रमुख खाद्यान्न फसल है, इस बढ़ती कीमत से आम आदमी का बजट प्रभावित हो रहा है। आइए जानते हैं कि आने वाले दिनों में गेहूं के भाव में और कितनी बढ़ोतरी हो सकती है और वर्तमान में गेहूं का औसतन भाव क्या है।
उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, गेहूं का अधिकतम रेट अब 49 रुपये प्रति किलो से ऊपर हो गया है, जबकि दिल्ली में औसतन भाव 31 रुपये और न्यूनतम रेट 28 रुपये प्रति किलो से अधिक है। इस बढ़ोतरी का असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय का कहना है कि इसका फायदा किसानों को भी मिला है।
जानिए, दिल्ली, लखनऊ, इंदौर, जयपुर और मुंबई में पिछले वर्ष की दिवाली के समय की तुलना में इस वर्ष मंडियों में गेहूं के भाव क्या रहे हैं? आईये जाने गेहूं के औसतन भाव (प्रति क्विंटल में)
बाजार का नाम | वर्ष 2023 | वर्ष 2024 | प्रतिशत वृद्धि |
दिल्ली | 2620 रु | 2895 रु | 10.50% |
लखनऊ | 2360 रु | 2720 रु | 15.25% |
इंदौर | 2500 रु | 2780 रु | 11.20% |
अहमदाबाद | 2600 रु | 2850 रु | 9.62% |
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आंकड़ों के अनुसार, इस साल 1 से 25 अक्टूबर के बीच दिल्ली की मंडियों में लगभग 1,052 टन गेहूं की आवक दर्ज की गई, जबकि उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं की आवक पिछले साल की तुलना में अधिक रही, जिससे इन राज्यों में गेहूं की उपलब्धता बढ़ी है। इसके विपरीत, कुछ राज्यों में आवक में गिरावट देखी गई है। अगस्त महीने में अधिकांश मंडियों में गेहूं की आवक पिछले वर्ष की तुलना में 13% कम थी, जिससे गेहूं के भाव में वृद्धि का रुझान देखा गया। इस आवक में उतार-चढ़ाव के कारण मंडियों में गेहूं की कीमतों पर भी असर पड़ा।
बाज़ार में बढ़ रही आटे की कीमत
अभी कई जगहों पर आटे की कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो के आसपास है। दिल्ली में इसका औसत भाव लगभग 32 रुपये प्रति किलो चल रहा है, जबकि जम्मू-कश्मीर में 42 रुपये, हरियाणा में 35 रुपये और महाराष्ट्र में लगभग 44 रुपये प्रति किलो है। अभी मंडियों में खरीफ की फसलों की आवक बढ़ रही है और इनकी खरीदारी जोरों पर है, जबकि रबी की फसलों के भावों में उतार-चढ़ाव जारी है। खासतौर पर गेहूं के दामों में भारी उछाल देखा जा रहा है, जिससे गरीब लोगों की चिंता बढ़ गई है, वहीं गेहूं का स्टॉक करने वाले व्यापारियों को लाभ हो रहा है।
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