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समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन 20 जनवरी से 31 मार्च तक, किसान एप से घर बैठे करें पंजीयन

समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन
समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन

रबी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु पंजीयन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। किसान 20 जनवरी से 31 मार्च तक पंजीयन करवा सकते हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित समय के भीतर पंजीयन करवाएं, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन प्रक्रिया को अत्यंत सरल बनाया गया है। किसान अपने मोबाइल से एमपी किसान एप का उपयोग कर घर बैठे पंजीयन कर सकते हैं। अब किसानों को पंजीयन केंद्रों पर लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं होगी।

न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धिभारत सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, जो पिछले वर्ष से 150 रुपये अधिक है।

पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था:

  • ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र।
  • तहसील कार्यालय, सहकारी समितियाँ, और सहकारी विपणन संस्थाओं के पंजीयन केंद्र।
  • एमपी किसान एप के माध्यम से भी नि:शुल्क पंजीयन किया जा सकता है।

पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था:

  • एमपी ऑनलाइन कियोस्क।
  • कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी)।
  • लोक सेवा केंद्र और निजी साइबर कैफे।

इन केंद्रों पर पंजीयन के लिए शुल्क 50 रुपये से अधिक नहीं होगा। शुल्क की दर जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी।

सिकमी, बटाईदार और वन पट्टाधारी किसानों की सुविधा: सिकमी, बटाईदार, कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसानों के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों पर उपलब्ध होगी। इन किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

भुगतान प्रक्रिया में आधार लिंक बैंक खाता अनिवार्य:

किसानों द्वारा उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर उनके आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। भुगतान में समस्या होने पर पंजीयन में उपलब्ध अन्य बैंक खाते का उपयोग किया जाएगा। अक्रियाशील, संयुक्त बैंक खाते, और फिनो, एयरटेल, पेटीएम आदि के बैंक खाते मान्य नहीं होंगे। आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाइल नंबर को लिंक कराना अनिवार्य है।

आधार वेरिफिकेशन और पंजीयन सत्यापन:

  • पंजीयन और फसल विक्रय के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
  • यह वेरिफिकेशन आधार लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी या बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से किया जाएगा।
  • भू-अभिलेख में दर्ज नाम और आधार कार्ड में दर्ज नाम का मिलान अनिवार्य होगा। किसी भी विसंगति की स्थिति में सत्यापन तहसील कार्यालय द्वारा किया जाएगा।

किसानों को दी जाएगी सूचना: विगत रबी और खरीफ के पंजीयन में दर्ज मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से किसानों को जानकारी दी जाएगी। गांवों में ढोल पिटवाकर और ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर पंजीयन से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। मंडी और समितियों में बैनर लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

समय सीमा में पूरी होंगी प्रक्रियाएँ: किसानों की सुविधा के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि पंजीयन प्रक्रिया समय सीमा में पूरी की जाए। आधार पंजीयन केंद्रों को सक्रिय बनाए रखने और पोस्ट ऑफिस की आधार सुविधा का उपयोग करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

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