प्रमुख सचिव, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सागर एवं शहडोल संभाग के कमिश्नर और कलेक्टरों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों से उच्च गुणवत्ता वाला गेहूं खरीदा जाए और उपार्जित गेहूं का भुगतान समय पर किया जाए।
खाद्य मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देशानुसार जिलेवार उपार्जन तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। प्रमुख सचिव ने कहा कि उपार्जन केंद्रों पर किसानों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और पंजीयन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाए। अब तक 2.91 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन करा लिया है, जबकि पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तक तय की गई है।
प्रदेश में गेहूं उपार्जन इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में 1 मार्च से 18 अप्रैल 2025 तक किया जाएगा। इसके अलावा शेष संभागों में यह प्रक्रिया 17 मार्च से 5 मई 2025 तक चलेगी। इस वर्ष मध्यप्रदेश में 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। खाद्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को उपार्जित गेहूं का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। साथ ही, लंबित वेयरहाउस भुगतान को भी शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
खाद्य विभाग के संचालक ने कहा कि उपार्जित गेहूं के शीघ्र परिवहन और भंडारण की योजना बनाई जाए। उपार्जन केंद्रों पर पर्याप्त बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और माइक्रो प्लानिंग के तहत किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
पंजीयन बढ़ाने पर जोर, सोशल मीडिया से जुडेंगे किसान: एमडी नागरिक आपूर्ति निगम श्री अनुराग वर्मा ने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को पंजीयन के लिए प्रेरित किया जाए। लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था की जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी किसानों को जागरूक किया जाएगा।