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अक्षय तृतीया का बेहद ही शुभ और पावन पर्व वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बेहद खास त्योहार माना जाता है। अक्षय शब्द का अर्थ होता है 'जिसका कभी क्षय न हो। इस दिन खरीदारी करना बहुत शुभ माना गया है। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की उपासना की जाती है साथ ही इस दिन सोना-चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं, इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है। इस दिन परशुराम, नर-नारायण, हयग्रीव का अवतार हुआ था। इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट भी खुलते हैं।
अक्षय तृतीया दिन श्रद्धाभाव से व्रत रखना चाहिए। इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। घर में विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से स्नान कराएं और तुलसी, पीले फूलों की माला चढ़ाएं। इसके बाद धूप और घी से दीपक जलाएं और पीले आसन पर बैठायें। विष्णु भगवान से संबंधित ग्रंथों जैसे विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करें। अंत में, विष्णु जी की आरती करें। इसके साथ ही यदि उपासक किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करके भोजन करायें इससे भगवान प्रसन्न होते हैं।
अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है, और इस वर्ष अखा तीज का त्यौहार 10 मई, 2024 को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया पर पूजा मुहूर्त 10 मई, 2024 को 05:33 बजे से लेकर 12:18 बजे तक है। अक्षय तृतीया तिथि 10 मई को 04:17 बजे से प्रारंभ होकर 11 मई को 02:50 बजे तक समाप्त होगी।
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे परिवार में सुख, समृद्धि, धन, वैभव बढ़ता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी एवं अन्य आभूषण खरीद सकते हैं। इस दिन जमीन, फ्लैट, मकान, प्लॉट, अथवा वाहन की खरीदारी कर सकते हैं और इस शुभ अवसर पर विवाह ,सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नई नौकरी के साथ नए काम की शुरूआत भी कर सकते हैं।
भूलकर भी न करें ये गलती: अक्षय तृतीया के दिन लडाई-झगड़े नहीं करना चाहिए, इससे घर में कलेश होता है। इसके साथ ही इस दिन महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान भी नहीं करना चाहिए। वहीं द्वार पर आए किसी जरूरतमंद या भूखे व्यक्ति को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। अपनी श्रद्धा से कुछ-न-कुछ दान के रूप में अवश्य दें।