भूमि स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) खेती के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे हिंदी में "मिट्टी की सेहत कार्ड" कहा जाता है। यह कार्ड किसानों को उनके खेत की मिट्टी की स्थिति और उसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह कार्ड कितने समय तक मान्य रहता है?
सरकार द्वारा जारी सॉइल हेल्थ कार्ड तीन वर्षों के लिए मान्य होता है। इसके बाद किसानों को नया कार्ड बनवाना चाहिए। इस कार्ड के जरिए मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की पहचान होती है और जिन तत्वों की कमी होती है, उनकी पूर्ति के लिए आवश्यक सुझाव दिए जाते हैं। साथ ही, मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर उपयुक्त फसलों के चयन की सलाह दी जाती है।
इस कार्ड के जरिए किसान अपनी मिट्टी की सही स्थिति जान सकते हैं और उसी के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग कर सकते हैं। इससे न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है बल्कि फसल उत्पादन भी बेहतर होता है। नतीजतन, किसानों की आय में वृद्धि होती है और खेती अधिक लाभदायक बनती है। सरकार की यह पहल किसानों को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सतत कृषि को बढ़ावा मिलेगा।