मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सशक्त बनाने का प्रभावी माध्यम बन चुके हैं। ये समूह न केवल महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में इन समूहों की महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है और 2029 तक लोकसभा एवं विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। जमीन या मकान की रजिस्ट्री महिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी जा रही है। लाड़ली बहना योजना के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार डॉ. भीमराव अंबेडकर गौपालन योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ स्व-सहायता समूह की महिलाओं को गौशालाओं से जोड़ने जा रही है। महिलाएं अब दूध से बने उत्पाद जैसे मिठाई, रबड़ी और कलाकंद तैयार करेंगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे स्वावलंबी बनेंगी।
महिलाओं को रोजगार के नए अवसर और प्रोत्साहन: एमपी सरकार ने कहा कि कपड़ा कारखानों में कार्यरत महिलाओं को ₹5,000 प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जबकि कंपनी द्वारा ₹8,000 का वेतन दिया जाएगा। इस तरह उनकी कुल मासिक आय ₹14,250 होगी। साथ ही राज्य सरकार ने 1 लाख शासकीय पदों पर भर्ती का अभियान शुरू कर दिया है और आगामी 5 वर्षों में ढाई लाख नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य में विकास और निवेश की सौगातें: मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी धार को देवास से जोड़ने वाली 4 लेन सड़क का लोकार्पण करेंगे, साथ ही 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की सौगात भी दी जाएगी। 30,000 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण भी प्रस्तावित है। इसके अलावा 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आनंदपुर धाम आएंगे और 13 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह भोपाल में सहकारी सम्मेलन में शामिल होंगे।
पोषण पखवाड़े में चार मुख्य विषयों पर विशेष ध्यान: केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि कुपोषित बच्चों को पोषण देकर हम देश का भविष्य सशक्त बना सकते हैं। पोषण पखवाड़ा (8 से 22 अप्रैल) के तहत चार मुख्य विषयों—जीवन के पहले 1,000 दिन, पोषण ट्रैकर, कुपोषण प्रबंधन और बच्चों में मोटापे की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।