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पर्यावरण दुनियाभर के लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में वृक्ष लगाना चाहिए। यह दिन हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिये लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक और प्रात्साहित किया जाता है। मनुष्य और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परिआवरण। वृक्षों का कम होना या पेड़ों का कटाव हमारे स्वास्थ्य पर सीधा असर करता है।
प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस जून के महीने में मनाया जाता है। भारत समेत दुनियाभर में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर पर्यावरण को लेकर नागरिकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। पर्यावरण दिवस की शुरूआत 1972 में 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र की महासभा में विश्व पर्यावरण सम्मेलन में हुई। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
भारत की ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा रेगिस्तान में बदलता जा रहा है। पेड़ हमें ठंडा रखने और ज़मीन की रक्षा करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हाल ही में, दिल्ली के एक मौसम केंद्र ने 52.9 डिग्री सेल्सियस का बहुत अधिक तापमान दर्ज किया। भारत की 25% से अधिक भूमि रेगिस्तान में बदल रही है। पश्चिमी दिल्ली जैसी जगहों पर राजस्थान और हरियाणा से आने वाली गर्म हवाएँ हालात को और भी ज़्यादा गर्म कर रही हैं। अरावली क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से स्थिति और भी खराब हो रही है। ये पेड़ नमी बनाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन अब कम बारिश और ज़्यादा तापमान के कारण ज़मीन सूख रही है।
दुख की बात है कि 2018 से 2022 के बीच खेत की ज़मीन पर लगे कई बड़े पेड़ गायब हो गए हैं। बढ़ती गर्मी इस बात का संकेत दे रही है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें अपनी नीतियों में बदलाव करने की ज़रूरत है। एक ओर जहां विज्ञान द्वारा तकनीक और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है, वहीं दूसरी ओर ये पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार हैं। आधुनिकीकरण, औद्योगिकीकरण और तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हमें, अधिक पेड़ लगाने होंगे, पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग करना होगा और पर्यावरण नियमों का पालन करना होगा।
पर्यावरण दिवस का महत्व: भारत में ही नही पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है। आज से ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से पर्यावरण का बहुत महत्व रहा है, क्योंकि प्रकृति का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है।
वर्तमान समय में पर्यावरण असंतुलित हो गया है, बढ़ती आबादी, औद्योगीकरण, प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध प्रयोग से आज विश्व का तापमान स्तर पर बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघलकर समुद्र में पानी के स्तर को बढ़ा रहे है, जिससे बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस के प्रभाव आदि को कंट्रोल करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है। पेड़ कटते जा रहे हैं, जिससे वन क्षेत्र बहुत कम हो रहे हैं। नदियों एवं तालाबों का जल भी प्रदूषित हो गया है इसलिए पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है।
पेड़ों के संरक्षण के लिये सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना और इसके साथ लोगों को पेड़ काटने से बचाना है क्योंकि पेड़ हमें छाया फल तथा परिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेतों में उर्वरकों और जहरीले रसायनों का न्यूनतम उपयोग करें जैविक व हरी खादों का अधिक से अधिक उपयोग करें। प्रत्येक व्यक्ति को देशों और भीड़भाड़ वाले इलाकों व सड़कों पर कचरा न फेंके और न ही फेंकने दें। हमें उन टाक्सिक कंपाउंडस पर नजर रखने की आवश्यकता है जो वातावरण को प्रदूषित करते हैं। हमें उत्सर्जन के कई रूपों को कम करने के लिये पर्यावरणीय रूप से स्थायी तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर हर घर पेड़ लगाएं पर्यावरण को शुद्ध बनायें