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मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन मत्स्य विभाग 21 नवंबर 2024 को विश्व मत्स्य दिवस (WFD) का आयोजन करेगा। इस दिवस का उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य किसानों की भूमिका और योगदान को सम्मानित करना है। 2014 से हर वर्ष 21 नवंबर को यह दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है, भारत का ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन: छोटे स्तर और सतत मत्स्यपालन को सशक्त करना। इस आयोजन में प्रगतिशील राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, व्यक्तियों और उद्यमियों को भारतीय मत्स्यपालन और जलीय कृषि के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा। इसका आयोजन सुषमा स्वराज भवन, नई दिल्ली में होगा।
भारत में मत्स्यपालन का विकास और योगदान: भारत वैश्विक मत्स्य उत्पादन में 8% का योगदान देता है, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है। यह क्षेत्र वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही लगभग 61.8 मिलियन लोगों की आजीविका का आधार है। पिछले दशक में, भारत सरकार ने ब्लू रिवोल्यूशन योजना, मत्स्य और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) जैसी योजनाओं के माध्यम से 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारत का मत्स्य उत्पादन 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन हो गया है।
विश्व मत्स्य दिवस का महत्व: इस आयोजन से मत्स्य क्षेत्र के सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने, शोध और विकास को प्रोत्साहित करने, सतत विकास को बढ़ावा देने, और भारतीय मत्स्यपालन के असीमित संभावनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।
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