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World fisheries day 2024: विश्व मत्स्य दिवस 2024, भारत में छोटे स्तर के मत्स्यपालन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम

विश्व मत्स्य दिवस
विश्व मत्स्य दिवस

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन मत्स्य विभाग 21 नवंबर 2024 को विश्व मत्स्य दिवस (WFD) का आयोजन करेगा। इस दिवस का उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य किसानों की भूमिका और योगदान को सम्मानित करना है। 2014 से हर वर्ष 21 नवंबर को यह दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है, भारत का ब्लू ट्रांसफॉर्मेशन: छोटे स्तर और सतत मत्स्यपालन को सशक्त करना। इस आयोजन में प्रगतिशील राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, व्यक्तियों और उद्यमियों को भारतीय मत्स्यपालन और जलीय कृषि के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया जाएगा। इसका आयोजन सुषमा स्वराज भवन, नई दिल्ली में होगा।  

मत्स्यपालन और जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए पहलों का शुभारंभ Launch of initiatives to promote fisheries and aquaculture:

  1. 5वीं समुद्री मत्स्य गणना: डेटा आधारित नीतियां बनाने के लिए।  
  2. शार्क पर राष्ट्रीय कार्य योजना: सतत शार्क प्रबंधन के लिए।  
  3. बंगाल की खाड़ी क्षेत्रीय कार्य योजना: अवैध, अनियमित और बिना रिपोर्ट किए गए मत्स्यपालन को रोकने के लिए।  
  4. IMO-FAO GloLitter साझेदारी परियोजना: समुद्री प्लास्टिक कचरे को कम करने के लिए।  
  5. एलपीजी किट के लिए मानक संचालन प्रक्रिया: ऊर्जा-कुशल और किफायती समुद्री मछली पकड़ने के लिए।  
  6. कोस्टल एक्वाकल्चर प्राधिकरण का नया सिंगल विंडो सिस्टम (NSWS): तटीय मत्स्यपालन फार्मों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए।  
  7. स्वैच्छिक कार्बन बाजार: मत्स्य और जलीय कृषि में कार्बन अवशोषण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए।  

मत्स्यपालन में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे Two technical sessions will be organized in fisheries:  

  1. सतत मत्स्यपालन और जलीय कृषि के माध्यम से खाद्य सुरक्षा - द्विपक्षीय सहयोग, छोटे स्तर की कृषि, आजीविका वृद्धि, और खाद्य सुरक्षा पर चर्चा।  
  2. मत्स्यपालन में चुनौतियां और आगे का रास्ता- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, लचीलापन निर्माण, और समाधान रणनीतियों पर विशेषज्ञों के विचार।  

भारत में मत्स्यपालन का विकास और योगदान: भारत वैश्विक मत्स्य उत्पादन में 8% का योगदान देता है, विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है। यह क्षेत्र वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही लगभग 61.8 मिलियन लोगों की आजीविका का आधार है। पिछले दशक में, भारत सरकार ने ब्लू रिवोल्यूशन योजना, मत्स्य और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM-MKSSY) जैसी योजनाओं के माध्यम से 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारत का मत्स्य उत्पादन 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन हो गया है।  

विश्व मत्स्य दिवस का महत्व: इस आयोजन से मत्स्य क्षेत्र के सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने, शोध और विकास को प्रोत्साहित करने, सतत विकास को बढ़ावा देने, और भारतीय मत्स्यपालन के असीमित संभावनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।

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