भारत सरकार ने 31 मई 2023 को "सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना" को मंजूरी दी, जिसे एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) के स्तर पर विभिन्न कृषि अवसंरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयाँ आदि शामिल हैं। यह योजना केंद्र सरकार की मौजूदा योजनाओं के साथ समन्वय कर लागू की जा रही है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
इसके अतिरिक्त, 500 अतिरिक्त PACS में भी इस योजना के तहत शिलान्यास किया गया है। अब तक, देशभर के 575 PACS की पहचान की गई है, जिनका राज्यवार विवरण परिशिष्ट में संलग्न है।
सरकार देशभर की सभी पंचायतों/गांवों में 2 लाख बहुउद्देशीय PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण की योजना पर भी कार्य कर रही है। इसके लिए मार्गदर्शिका (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर - SOP) भी जारी की गई है। इस मार्गदर्शिका के अनुसार, कर्नाटक में 128 PACS का गठन किया जा चुका है, जबकि वित्त वर्ष 2028-29 तक 218 PACS स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
पायलट परियोजना के तहत, कर्नाटक के बीदर जिले के एकंबा स्थित प्राथमिक कृषि सहकारी संघ लिमिटेड में 1,000 मीट्रिक टन (MT) क्षमता का गोदाम बनाया गया है। इस योजना के तहत अब तक PACS स्तर पर 9,750 मीट्रिक टन विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता तैयार की जा चुकी है।
इस योजना के प्रमुख लाभ:
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