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सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना, जाने इसके प्रमुख लाभ

अब नहीं होगा अनाज का नुकसान
अब नहीं होगा अनाज का नुकसान

भारत सरकार ने 31 मई 2023 को "सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना" को मंजूरी दी, जिसे एक पायलट परियोजना के रूप में लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) के स्तर पर विभिन्न कृषि अवसंरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिसमें गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयाँ आदि शामिल हैं। यह योजना केंद्र सरकार की मौजूदा योजनाओं के साथ समन्वय कर लागू की जा रही है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. कृषि अवसंरचना कोष (AIF)
  2. कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI)
  3. कृषि यंत्रीकरण पर उप मिशन (SMAM)
  4. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना 

पायलट परियोजना के तहत कार्य प्रगति पर:

इसके अतिरिक्त, 500 अतिरिक्त PACS में भी इस योजना के तहत शिलान्यास किया गया है। अब तक, देशभर के 575 PACS की पहचान की गई है, जिनका राज्यवार विवरण परिशिष्ट में संलग्न है।
सरकार देशभर की सभी पंचायतों/गांवों में 2 लाख बहुउद्देशीय PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण की योजना पर भी कार्य कर रही है। इसके लिए मार्गदर्शिका (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर - SOP) भी जारी की गई है। इस मार्गदर्शिका के अनुसार, कर्नाटक में 128 PACS का गठन किया जा चुका है, जबकि वित्त वर्ष 2028-29 तक 218 PACS स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

भंडारण क्षमता में वृद्धि और लाभ:

पायलट परियोजना के तहत, कर्नाटक के बीदर जिले के एकंबा स्थित प्राथमिक कृषि सहकारी संघ लिमिटेड में 1,000 मीट्रिक टन (MT) क्षमता का गोदाम बनाया गया है। इस योजना के तहत अब तक PACS स्तर पर 9,750 मीट्रिक टन विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता तैयार की जा चुकी है।

इस योजना के प्रमुख लाभ:

  1. खाद्यान्न भंडारण क्षमता में वृद्धि – विकेन्द्रीकृत गोदामों के निर्माण से अनाज की बर्बादी कम होगी।
  2. खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना – किसानों के लिए अनाज भंडारण की पर्याप्त सुविधा होगी।
  3. फसलों की मजबूरी में बिक्री (डिस्ट्रेस सेल) को रोकना – किसान अपनी उपज को उचित मूल्य मिलने तक सुरक्षित रख सकते हैं।
  4. बेहतर कीमत प्राप्ति – किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलने की संभावना बढ़ेगी।
  5. लॉजिस्टिक लागत में कमी – PACS को खरीद केंद्र (Procurement Centre) और उचित मूल्य की दुकान (FPS) के रूप में संचालित किया जा सकता है, जिससे अनाज के परिवहन पर होने वाला खर्च भी बचेगा।

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