उत्तर प्रदेश सरकार अब ‘हर खेत को पानी’ उपलब्ध कराने के साथ-साथ ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। सरकार की योजना है कि स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देकर जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जाए और सिंचन क्षमता को दोगुना किया जाए। इस योजना के तहत 80 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में पानी की सबसे अधिक कमी वाले बुंदेलखंड क्षेत्र से इस योजना की शुरुआत की गई है। कम पानी में अधिक क्षेत्र की सिंचाई के लिए सरकार तीन प्रमुख स्प्रिंकलर परियोजनाओं पर काम कर रही है। मसगांव चिल्ली (हमीरपुर), कुलपहाड़ (महोबा), शहजाद (ललितपुर) इसके अलावा, खेत-तालाब योजना के तहत बनाए गए तालाबों को भी स्प्रिंकलर सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि जल संरक्षण के साथ अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके।
यूपी सरकार इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए इजराइल सरकार से भी तकनीकी सहयोग ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इजराइली राजदूत से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की थी। प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी विकसित किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीकें सुलभ कराई जा सकें।
नदी जोड़ो परियोजना से बुंदेलखंड को मिलेगा फायदा: प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना पर भी तेजी से काम हो रहा है। इस परियोजना से बुंदेलखंड के झांसी, महोबा, बांदा और ललितपुर के 2.51 लाख हेक्टेयर खेतों को सिंचाई का लाभ मिलेगा और 21 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध होगा।
अगली योजनाएं और भविष्य की रणनीति: सरकार मध्य गंगा नगर परियोजना (फेज 2), कनहर सिंचाई परियोजना और रोहिन नदी पर बैराज बनाने जैसी योजनाओं पर भी काम कर रही है। इनके पूरा होने से 5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित होगी और 7 लाख किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। योगी सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने और किसानों की आय को दोगुना किया जाए। इसके लिए हर खेत को पानी और कम पानी में अधिक फसल उत्पादन को प्राथमिकता दी जा रही है।
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