प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बाढ़ हो या सूखा अब कोई फिक्र नही, नुकसान की भरपाई करेगी भारत सरकार
By khetivyapar
पोस्टेड: 20 Apr, 2024 12:00 AM IST Updated Wed, 09 Oct 2024 11:41 AM IST
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानो के लिये बेहद ही लाभकारी है। कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। प्राकृतिक आपदाओं, अनियमित मौसम, और पेस्टिसाइडों के अव्यवस्थित उपयोग जैसे कई कारणों से कृषि उत्पादन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसलिए भारत सरकार ने 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरूवात की थी।
किसानों की सुरक्षा पीएमएफबीवाई का उद्देश्य:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य है किसानों को उनकी फसलों के लिए पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना। यह योजना किसानों को बुआई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक सभी प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ संपूर्ण सुरक्षा देती है। इसके तहत, कृषि विभाग किफायती फसल बीमा प्रदान करता है, जिससे किसान अपने नुकसान की भरपाई पा सकें और उत्पादन में विश्वास बनाए रख सकें।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत:
कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) और कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (एमओए एंड एफडब्ल्यू) ने भारत सरकार (जीओआई) के समग्र मार्गदर्शन और नियंत्रण के तहत एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है। बीमाकृत राशि और प्रीमियम दरों की अधिसूचना संबंधित क्षेत्रों के उच्च, मध्यम और निम्न जोखिम स्तर पर क्रमश 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत और 90 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के तीन स्तर सभी फसलों के लिए उपलब्ध होंगे। एस.एल.सी.सी.सी.आई. बीमा कंपनियों के राय से जिला अथवा उप-जिला स्तर पर अधिसूचित फसलों को हुए नुक्सान की मंजूरी देगी।
कवर किए जाने वाले जोखिम:
- उपज हानि: गैर-रोकथाम योग्य जोखिमों के कारण उपज हानि को कवर करने के लिए व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है, जैसे कि
- प्राकृतिक आग और बिजली
- तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, टाइफून, टेम्पेस्ट, तूफान, बवंडर, आदि।
- बाढ़, सैलाब और भूस्खलन
- सूखा, सूखा काल
- कीट/रोग आदि।
बुआई रोकी गई (अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर): ऐसे मामलों में जहां अधिसूचित क्षेत्र के अधिकांश बीमित किसान, बुआई/रोपण करने का इरादा रखते हैं और इस उद्देश्य के लिए व्यय करते हैं, प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बीमाकृत फसल बोने/रोपने से रोक दिए जाते हैं। मौसम की स्थिति, बीमा राशि के अधिकतम 25% तक क्षतिपूर्ति दावों के लिए पात्र होगी।
कटाई के बाद के नुकसान (व्यक्तिगत खेत के आधार पर): उन फसलों के लिए कटाई से अधिकतम 14 दिनों की अवधि तक कवरेज उपलब्ध है, जिन्हें चक्रवात / चक्रवात के विशिष्ट खतरों के खिलाफ कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए "काटने और फैलाने" की स्थिति में रखा जाता है। देशभर में बारिश, बेमौसम बारिश।
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- स्थानीयकृत आपदाएँ (व्यक्तिगत खेत के आधार पर): अधिसूचित क्षेत्र में अलग-अलग खेतों को प्रभावित करने वाले स्थानीय नुक्सान जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन और बाढ़ के कारण होने वाली हानि।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए जरूरी जानकारी:
- किसानों को बीमा कवर राशि प्राप्त होती है: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, जब किसानों की फसलों में नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा कवर राशि प्राप्त होती है। यह बीमा कवर किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा देने में सहायक होता है और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है।
- प्रीमियम: इस योजना के अंतर्गत, किसानों से फसल बीमा करवाने के लिए प्रीमियम लिया जाता है। यहाँ पर, रबी की फसलों के लिए 1.5%, खरीफ की फसलों के लिए 2%, और वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम लिया जाता है।
- कम प्रीमियम: किसानों को स्वयं से फसल बीमा करवाने पर कम प्रीमियम लिया जाता है। यह उन्हें अधिक आर्थिक संरक्षा प्रदान करता है और उन्हें अपनी फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मौका देता है।
- सरकारी सहायता: अधिकतम सरकार द्वारा प्रीमियम भरा जाता है ताकि कोई भी किसान बीमा कवर प्राप्त करने से बाकी न रहे और जिससे आपदा में हुए नुकसान की भरपाई आसानी से हो सके।
- प्रबंधन: एग्रीकल्चर इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को नियंत्रित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का निष्पादन सुचारू रूप से होता है और किसानों को लाभ पहुंचाने में सहायक होता है।
- बजट: वर्ष 2016 में योजना शुरू होने के बाद से किसानों को 95,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावे प्रदान किए गए हैं, जबकि उनके द्वारा भुगतान किए गए कुल प्रीमियम 17,000 करोड़ रुपये है।
- लाभ: 2016 से अब तक 29.19 करोड़ किसानों ने पीएमएफबीवाई के तहत अपनी फसलों का बीमा कराया है यह सुनिश्चित करता है कि योजना का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचाया जा रहा है और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए जरूरी दस्तावेज़:
- किसान के जमीन के दस्तावेज़।
- बैंक अकाउंट की जानकारी
- किसान का आधार कार्ड
- किसान का पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो
- किसान का निवास प्रमाणपत्र
- किसान द्वारा फसल के बुआई शुरू किये हुए दिन की तारीख।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए, सबसे पहले आपको PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/) पर जाना होगा।
- वेबसाइट पर आपको 'फार्मर कॉर्नर अप्लाई फॉर क्रॉप इंश्योरेंस योरसेल्फ' विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपको फार्मर एप्लीकेशन के लिए विकल्प दिखाई देगा, जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
- उसके बाद आपको यहाँ 'गेस्ट किसान' विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- फिर आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मांगी जा रही सभी जानकारियां भरनी होंगी।
- सभी जानकारियां भरने के बाद, आपको दिखाई दे रहे कैप्चा कोड को दर्ज करना होगा।
- आपको सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा, जिससे आपका पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया:
देश भर के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जिसके लिए ऑफलाइन आवेदन फार्म जमा करना आवश्यक है। नीचे दी गई जानकारी आपको इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगी।
- बैंक शाखा जाएं: योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को अपने नजदीकी बैंक शाखा जाना होगा।
- आवेदन फार्म प्राप्त करें: बैंक शाखा में, किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन फार्म प्राप्त करना होगा।
- जानकारी भरें: आवेदन फार्म में मांगी जाने वाली सभी आवश्यक जानकारी को ध्यानपूर्वक भरना होगा।
- दस्तावेज संलग्न करें: योजना के लिए आवेदन फार्म के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करना होगा।
- फार्म जमा करें: भरे गए आवेदन फार्म को बैंक शाखा में संबंधित अधिकारी के पास जमा करना होगा।
- प्रीमियम का भुगतान करें: अनुसार फसल के लिए निर्धारित प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
किसान आसानी से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया उन्हें उस बीमा कवरेज का लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी जो उनकी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखेगा।